वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लांच करने के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि तीन लाख शेल कंपनियां शक के घेरे में हैं और इसके अलावा एक लाख कंपनियों पर ताला जड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और आने वाले दिनों में इनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "तीन लाख शेल कंपनियां शक के घेरे में हैं और इसके अलावा एक लाख कंपनियों पर ताला जड़ दिया गया है। शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और आने वाले दिनों में इनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"उन्होंने कहा, "37 हजार शेल कंपनियों की पहचान कर ली गई है। अवैध लेनदेन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी।"मोदी ने कहा, "राजग सरकार आने के बाद स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन में 45 फीसदी की कमी आई है। वहीं साल 2013 में विदेशों में जमा कालेधन में 42 फीसदी की वृद्धि हुई थी।"
प्रधानमंत्री ने आयकर देने वालों के आंकड़े पर सवाल उठाया और कहा, "केवल 32 लाख लोग अपनी कमाई 10 लाख रुपये से ऊपर बताते हैं। यह हकीकत नहीं है। हर साल करोड़ों की संख्या में गाड़ियां खरीदी जाती हैं।"उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को कर चोरी की आदत पड़ गई है। लोग कर की चोरी करने लगें तो देश का विकास रुक जाता है।" मोदी ने कहा कि शेल कंपनियों की किसी न किसी सीए ने मदद की होगी, लेकिन पिछले 11 सालों में केवल 25 सीए के खिलाफ कार्रवाई हुई। उन्होंने सवाल किया कि क्या इतने समय में केवल 25 सीए ने गड़बड़ी की?उन्होंने सीए से अपील की कि अपने क्लाइंट को ईमानदारी से कर भरने की सलाह दें।