छत्तीसगढ़ में एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी में एक बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इन शावकों का जन्म यूं तो 9 जून को ही हुआ था, लेकिन इन्हें लोगों दूर रखा जा रहा था, क्योंकि नन्हे शावकों को संक्रमण का खतरा था। अब इन शावकों ने अपनी आंखों से देखना शुरू कर दिया है, लोग भी देख सकेंगे। जंगल सफारी के डीएफओ अनिल सोनी ने खास मुलाकात में बताया कि शावकों को जन्म देने वाली बाघिन अभी साढ़े चार साल की है। उसके तीनों शावक अब मां के साथ अठखेलियां भी करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जंगल सफारी में लोगों का आना-जाना बना रहता है। इसलिए इसे लोगों की नजर से बचाए रखा गया, क्योंकि नन्हे शावकों को संक्रमण का खतरा होता है। ये खबर भी इसी लिहाज से मीडिया से भी दूर रखी गई। अब जब संक्रमण का खतरा शावकों से हट गया है, तब ये बात लोगों तक पहुंचाई जा रही है। सोनी ने बताया कि शावकों की मां को सुबह नाश्ते में एक लीटर दूध और चार अंडे दिए जा रहे हैं। दोपहर और शाम को उसे 5.5 किलो मांस दिया जा रहा है। तीनों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं, जंगल सफारी घूमने आने वाले लोग अब इन्हें देख सकेंगे।