किसानों की कर्जा माफी के मुददे को गलत रंगत देने के लिए विरोधी पक्ष पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री केप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज सदन में स्पष्ट किया कि वित्त मंत्री द्वारा कर्जा माफ संबधी बजट में तजवीज किये 1500 करोड़ रूपये इस स्कीम के लिए अदा की जाने वाली राशि की पहली किस्त है।मुख्यमंत्री ने यह प्रतिक्रिया किसानों के कर्जा माफी संबधी सरकार के फैसले पर विरोधी पक्ष और मीडिया के एक हिस्से द्वारा पैदा की जा रही शंकाओं के संबध में दी है।मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि कर्जा माफी स्कीम को पूरी तरह अमल में लाने के लिए 9500 करोड रूपये की कुल राशि की जरूरत है(जो अंतिम तौर पर खातों का पता लगाने पर निर्भर करता) और बैंकों से इसको निपटाने के लिए 4 से पांच वर्षो का समय लगेगा। साथ ही उन्होने यह भी घोषणा की कि इस स्कीम संबधी अधिसूचना जारी होने के शीघ्र बाद कर्जे के बोझ मुक्त हो जाएगें। यह अधिसूचना 6 से आठ सप्ताह में जारी होने की संभावना है। इस मुददे पर अनुमानों को एक तरफ रखते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस स्कीम अधीन किसानों का कर्जा अपने सिर लेने का प्रस्ताव करते है और बैंकों को किस्तों पर सीधी अदायगी की जाएगी।
बीती 19 जून को विधान सभा में किये ऐलान को दोहराते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि डा. टी हक की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञों के ग्रुप द्वारा सौंपी अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने लघु व मध्यम किसानों (पांच एकड़ तक) को दो लाख रूपये का समूचा फसली कर्जा माफ करने का फैसला किया है। बैंकों की राज्य स्तरीय कमेटी की 31 मार्च 2017 कि रिपोर्ट के आकड़ों अनुसार इस फैसले से 8.75 लाख किसानों को समूचे कर्जा माफी से राहत मिलेगी।मुख्यमंत्री ने बाकी मध्यम किसानों (2.5 एकड़ तक)को भी कर्जे की राशि पर गौर किये बिना दो लाख रूपये की राहत देने के फैसले को दोहराया ताकि इससे सभी मध्यम किसानों को राहत मिल सके। इस फैसले से ओर 1.50 लाख मध्यम किसान कर्जा माफी की स्कीम अधीन आएगें।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार के कर्जा माफी के अहम फैसले से कुल 10.25 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा और उत्तरप्रदेश व महाराष्ट्र की सरकारों द्वारा किसानों के लिए माफ किये गये कर्जे से पंजाब के किसानों के लिए गुणनी राशि का कर्जा माफ किया गया है।मुख्यमंत्री ने क हा कि सरकार ने डा.टी हक की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञों के समूह को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए अब 60 दिन का समय दिया है जो इन 10.25 लाख किसानों की कर्जा माफी की विस्तारित स्कीम को पेश करेगा।आत्महत्या पीडि़त किसान परिवार के मुददे पर मुख्यमंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि इन परिवारों का समूचा कर्जा माफ करने का फैसला लिया जा चुका है जिसको सरकार अब अपने सिर लेगी।भूमिहीन श्रमिकों के संबध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के पास भूमिहीन श्रमिकों की संख्या और उनके सिर खड़े कर्जे के बारे में ना तो कोई रिकार्ड और ना तो कोई सूचना है।
उन्होने प्रस्ताव रखा कि विधान सभा के स्पीकर द्वारा पंच सदस्यीय कमेटी बनाकर भूमिहीन श्रमिकों के मामले की जांच की जानी चाहिए और इस संबध में अपनी सिफारिशे दी जाए। ताकि उन के मामलों का उचित हल ढूढ़ा जा सके।मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये कुछ ऐलानों के लिए सरकार द्वारा बजट में उपबंध ना करने का दोष लगाते हुये विरोधियों द्वारा सरकार की , की जा रही आलोचना का भी उत्तर दिया।सरकारी स्कूलों में प्री प्राईमरी कक्षाएं (नर्सरी और एलकेजी) अगले अकादमिक सैशन से शुरू होने के मुददे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति बनारहा है। और यह फैसला आने वाली नीति में पूरी तरह झलकेगा। उन्होने कहा कि इस संबध में आवश्यक अध्यापक भर्ती करने के लिए भी कदम उठाये जाएगें ताकि इस उदेश्य को जितना जल्दी संभव हो पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि इस उदेश्य के लिए आवश्यक फंड सरकार द्वारा उपलब्ध करवाऐ जाएगें। इस प्रकार मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों को सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं में नर्सरी से पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा देने का उपबंध भी नई शिक्षा नीति में झलकेगा और इस के लिए आवश्यक फंड सरकार द्वारा मुहैया करवाये जाएगें। मुख्यमंत्री ने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में महाराणा प्रताप चेयर स्थापित करने का भी ऐलान किया।