पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को अकाली लीडरशिप को कहा कि उनके राज्यकाल दौरान रेत की खड्डों की निलामी में अपार असर रसूख का प्रयोग करके सरकारी खजाने को लूटने वालों के नाम संबंधी अपनी स्थिती स्पष्ट की जाए।विधान सभा में रेत खड्डों की निलामी में सिंचाई व बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह की कथित शमूलियत के विधान सभा में उठे मुद्दे पर विरोधी पक्ष को आढ़े हाथों लेते हुए मु यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिना किसी हिचकिचाहट के जांच के लिए एक न्याययिक कमिशन बैठाया हुआ है ताकि सच सामने लाया जा सकें।उन्होंने विरोधी पक्ष को अपने अंदर झांकने तथा तथ्यों के आधार पर बात करने के लिए कहा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विरोधीपक्ष को कहा कि उन्होंने गलत नीतियों तथा अमले के द्वारा खुद को लाभ पहुंचाने के लिए कैसे रेत खड्डों की निलामी का दुरुपयोग किया। मुख्यमंत्री ने विधान सभा को जानकारी देते हुए बताया कि पिछली सरकार की ओर से 10 सालों के दौरान रेत बजरी की निलामी से केवल 230 करोड़ रुपये का मालिया इकट्ठा किया गया जब कि उनकी सरकार की ओर से एक बार में ही निलामी करके यह मालिया 280 करोड़ रुपये तक लाया गया जो कि सालाना निलामी पूरी होने पर 500-600 करोड़ तक बढऩे की उ मीद है । मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार की ओर से ई-निलामी नीति अपनाई गई है जो कि मुक मल तौर पर पारदर्शी, निवर्घन तथा किसी भी रसूखदार के प्रभाव में नहीं आती। उन्होंने आगे कहा कि अगर पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल दौरान यह नीति अमल में लाई होती तो सरकारी खजाने को 4 से 5 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त मालिया हासिल होना था जो कि पिछली सरकार की सरप्रस्ती में उन लोगों की जेबों में चला गया जिन्होंने असर रसूख का प्रयोग करके रेत खड्डों को हथिया लिया। मुख्यमंत्री ने अकाली लीडरशिप को कहा कि राज्य के खजाने का मालिया अपनी जेबों में भर कर ले जाने वाले उन लोगों के नामों का खुलासा करे जिन्होंने राज्य के वाजब मालिया को हथिया है।