आज यहां पंजाब भवन में पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग की समीक्षा बैठक चेयरमैन श्री राजेश बाघा की अध्यक्षता में हुई जिसमें आयोग के समस्त गैर-सरकारी सदस्य और कल्याण, पुलिस और स्थानीय निकाय विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित हुये। बैठक में कल्याण विभाग, पंजाब द्वारा अनुसूचित जातियों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये लागू की जा रही समस्त कल्याण स्कीमों की वित्तीय वर्ष 2016-17 की पेश की सूचना की समीक्षा की गई।आयोग के पास गलत अनुसूचित प्रमाण पत्रों संबंधी प्राप्त हुई शिकायतों का कठोर नोटिस लेते हुये कल्याण विभाग को पड़ताल करने और जाली जाति प्रमाण पत्र बनाने वालों विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिये कहा गया। आयोग ने इस संबंध में कल्याण विभाग को तहसील स्तर पर बोर्ड लगाने के लिये कहा गया जिसमें यह जानकारी दी जाये कि कौन सी ऐसी जातियां हैं जिनको अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है ताकि लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। अनुसूचित जातियों पर होते अत्याचार की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित कबीलों (अत्याचार निवारण) एक्ट, 1989 बनाया हुआ है। इस एक्ट की जानकारी संबंधी पुलिस थानों में बोर्ड लगाने के लिये कहा गया है और इसकी तिमाही रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा गया है।बैठक में विजीलैंस मोनिटरिंग कमेटी की नियमित रूप से बैठकें करवाने के लिये सरकार को कहा गया है। इस संबंध में कल्याण विभाग को राज्य और जिला स्तर पर कमेटियां गठित करने के लिये कहा गया ताकि नियमित बैठक ों का आयोजन किया जा सके। बैठक में बताया गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों अनुसार सीवरेज़ के भीतर जाकर सफाई नही करेगा परंतु आम देखने में आया है कि इन आदेशों का पालन नही किया जा रहा है। आयोग ने स्थानीय निकाय विभाग को इन आदेशों के पालन को विश्वसनीय बनाकर रिपोर्ट आयोग को भेजने के लिये कहा।