मध्यप्रदेश में कर्जमाफी और फसल का उचित दाम दिए जाने की मांग को लेकर एक जून से जारी किसान आंदोलन का अंतिम दिन पिछले दिनों के मुकाबले अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा। कुछ स्थानों पर छिटपुट प्रदर्शन हुआ, जिसके चलते पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। मंदसौर में शनिवार को कर्फ्यू में सुबह आठ से रात आठ बजे तक 12 घंटे की ढील दी गई। कर्फ्यू में ढील के दौरान लोगों ने खरीदारी की और माहौल शांतिपूर्ण रहा। वहीं पुलिस पिटाई से मारे गए घनश्याम धाकड़ की मौत के बाद शनिवार को अंतिम संस्कार से पहले तनाव के हालात बन गए। ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर विचार होगा। उसके बाद ही लोग सड़क से हटे।वहीं रायसेन में किसान जागृति संगठन ने किसानों की मांग को लेकर रैली निकाली और पुतले का दहन कर रोष जाहिर किया। जबलपुर में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ा।
राजधानी में भेल के दशहरा मैदान में उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खदेड़ने की कोशिश की। उसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।भोपाल-इंदौर मार्ग पर पिछले दिनों हुई हिंसा के बाद शनिवार को सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए। इसके बाद भी इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सामान्य नहीं हो पाई।शाजापुर की जिलाधिकारी अलका श्रीवास्तव के मुताबिक, शनिवार को हालात पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर निषेधाज्ञा 144 लगा दी है। भारतीय किसान यूनियन के महामंत्री अनिल यादव के अनुसार, उनके संगठन ने होशंगाबाद सहित कई अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किया।