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विजिलैंस ब्यूरो द्वारा एसई सुरिन्द्र पाल सिंह खिलाफ केस दर्ज

विजिलैंस टीमों ने एक समय में 9 स्थानों पर मारे छापे, गैर कानूनी धन किया बोगस फर्मो में जमा

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चंडीगढ़ , 09 Jun 2017

पंजाब विजिलैंस ब्यूरो ने आज गमाडा ने चीफ इंजीनियर रहे सुरिन्द्र पाल सिंह द्वारा अपने चहेती निर्माण फर्मो और ठेकेदारों की तरफदारी करके दिये टैंडरों द्वारा बेहिसाब संपति बनाने और गैरकानूनी धन को अपने परिवार की जाली फर्मो में जमा करवाने विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है इसके अतिरिक्त विजिलैंस की 9 टीमों ने आज सुबह एक ही समय चंडीगढ़, लुधियाना और एसएएस नगर में इस केस से संबधित 9 स्थानों पर छापेमारी भी की।आज यहां जानकारी देते हुये चीफ डायरैक्टर विजिलैंस ब्यूरो श्री बीके उप्पल ने बताया कि विजिलैंस ब्यूरो ने उक्त दोषी निगरान इंजीनियर सहित मैसर्ज एकओंकार बिल्डिरज एंड कंडरैक्ट्रज प्राइवेट लि. कंपनी के गुरिन्द्र पाल सिंह उर्फ टिंकू मैसर्ज ओइसिस टैक्रोलोजी प्राइवेट लि. के अमित गर्ग व अन्य फर्मो/कंपनियों के प्रोपराईटरों/ पार्टनरों / डायरैक्टरों के अतिरिक्त अन्य गैर प्राइवेट व्यक्तियों विरूद्ध भ्रष्टाचार नियंत्रण कानून की धारा 13(1) (डी), 13(2)और भारतीय दंडावली की धारा 420, 506, 120-बी तहत मुकदमा दर्ज करके आगामी तफतीस आंरभ कर दी है।उन्होने बताया कि सुरिन्द्र पाल सिंह जनवरी 1993 में पंजाब मंडी बोर्ड में बतौर जेई सिविल भर्ती हुआ था। वर्ष 2016 में मुख्य इंजीनियर गमाडा एसएएस नगर का चार्ज लेने से पहले वर्ष 2015-16 दौरान उसके पास पंजाब मंडीबोर्ड और गमाडा में कार्यकारी इंजीनियर मंडीबोर्ड लुधियाना, निगरान इंजीनियर मंडी बोर्ड एसएएस नगर, कार्यकारी इंजीनियर गमाडा, निगरान इंजीनियर (सी-1)गमाडा और निगरान इंजीनियर(सी-2)गमाडा के रूप में एक ही समय कुल आठ चार्ज /अतिरिक्त चार्ज रहे है। इसकी उच्चाधिकारियों के साथ मिलीभुगत होने के कारण गमाडा और पंजाब मंडीबोर्ड के इंजीनियरों , अधिकारियों और प्राइवेट ठेकेदारों पर उसका काफी प्रभाव था।उन्होने कहा कि विजिलैँस जांच के पश्चात पाया गया है कि दोषी सुरिन्द्र पाल सिंह ने अपनी तैनाती दौरान गमाडा एसएएस नगर में हो रहे बहु करोड़ी विकास कार्यो में स्वयं को नाजायज वित्तीय लाभ पहुंचाने के लिए अपराधिक उदेश्य से मैसर्ज एकओंकार बिल्डिरज एंड कोटरैक्ट्ररज प्राइवेट लि. कंपनी, जिसकी टैंडर लिमिट वर्ष 2011 तक केवल पांच करोड़ रूपये तक ही थी। को अपने पद के दुरूप्रयोग के कारण गमाडा और पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकतर सरकारी कार्य अलाट किये।

अन्य विवरण देते हुये श्री उप्पल ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा सरकारी कार्यो को  अलाट करने संबधी प्रक्रिया में पारदर्शता लाने के लिए एक स्टैडर्ड बिड डाकूमैंट स्वीकृत किया गया लेकिन गमाडा ने अपनी तैनाती दौरान सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा बदनियती से मैसर्ज एकओंकार बिल्डिरज की बिड कैेपेस्टी क ो बढ़ाने के लिए सरकार से स्वीकृत इन शर्तो में बिना समर्थ अधिकारी की स्वीकृति से जानबूझ कर अतिरिक्त शर्ते लगाकर और पहली कुछ शर्तो में बदलाव करके गमाडा के टैंडरों में तबदीली की ताकि उक्त कंपनी बड़ी कीमत वाले टैंडर अप्लाई करने के लिए योग्य हो सके। यह तबदीलिया लागू करने के लिए सुरिन्द्रपाल सिंह उक्त द्वारा स्वयं बतौर निगरान इंजीनियर (सी-1)पत्र नम्बर 3597 दिनांक 04-08-15 द्वारा अपने अधीन कार्य कर रहे मंडल इंजीनियर को और इसके पश्चात बतौर चीफ इंजीनियर गमाडा होते हुये पत्र नम्बर 303 दिनांक 29-3-16 द्वारा अपने अधीन आते सभी निगरान इंजीनियर और मंडल इंजीनियर को अपनाने के लिए निर्देश दिये गये।इसके अतिरिक्त इस अधिकारी ने मैसर्ज एकओंकार बिल्डरज को निगरान इंजीनियर मंडी बोर्ड लुधियाना के रूप में सिविल के लिए कलास-1 ठेकेदार के रूप में तीन वर्ष के लिए सूचीबद्ध किया था और इस कपंनी की टैंडर अप्लाई करने की हद पंाच करोड़ रूपये तय की थी। उन्होने बताया कि गमाडा में वर्ष 2013 में मैसर्ज एसईसीएल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लि. कंपनी को सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा बतौर मंडल इंजीनियर चंडीगढ़ खरड़ रोड़ पर जक्षन 73/74 से नैशनल हाइवे नम्बर 21 तक 200 फुट चौडी सड़क निर्माण का कार्य लगभग 645 करोड़ रूपये में अलाट किया गया और यह कार्य 15 महीनों में पूरा किया जाना था। लेकिन सुरिन्द्रपाल मंडल इंजीनियर गमाडा मैसर्ज एक ओंकार बिल्डर को फायदा देने के लिए अपने पद का दुरूपयोग करके उक्त एईसीएल कपंनी को डराया धमकाया और उसको मजबूर किया कि वह उक्त अलोटिड कार्य में से कुल 535 करोड़ रूपये का कार्य एकओंकार बिल्डर को आगे दे दे यह कार्य सब कोटरैक्ट करने संबधी स्वीकृति भी सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा ही बतौर मंडल इंजीनियर दी गई।

जिक्र योग है कि एसईसीएल कंपनी द्वारा एकओंकार बिल्डर को उक्त कार्य कार्य देते समय कोई भी योग्यता मापदंड तय नही किये गये जो कि बाद में उक्त दोनों कपंनियों द्वारा यह सब कोटरैक्ट 535 करोड़ रूपये घटाकार आपसी सहमति से 37 करोड़ रूपये पर खत्म कर दिया गया और इस संबधी सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा ही मैसर्ज एक ओंकार बिल्डर कपंनी को 37 करोड़ रूपये के कार्य को तसल्लीबख्श और सफलतापूर्वक पूरा करने संबधी कार्य अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया और उक्त कंपनी ने भविष्य में बड़े कीमत वाले अन्य टैंडर हासिल करने के लिए इस प्रमाण पत्र का प्रयोग किया।गमाडा द्वारा एसईसीएल कपंनी द्वारा मैसर्ज एकओंकार बिल्डरज को कार्य सब कोटरैक्ट देने की स्वीकृति देते समय स्पष्ट किया गया था कि उक्त अलाटिड सारे कार्य का भुगतान अदारे द्वारा असल अलाटी एसईसीएल कंपनी को ही किया जाएगा। लेकिन एसईसीएल द्वारा मैसर्ज एकओंकार बिल्डर को कुल 37 करोड़ रूपये के उक्त किये कार्य के मुकाबले लगभग 13 करोड़ रूपये ही अदा किये गये जोकि यह स्पष्ट है कि मैसर्ज एकओंकार बिल्डर द्वारा सब कोटरैक्ट द्वारा हासिल किये गये उक्त कार्य को भी मौके पर स्वयं नही किया गया और केवल कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए केवल कागजों में ही दिखाया गया।उन्होने बताया कि सुरिन्द्रपाल सिंह ने गमाडा में बतौर इंजीनियर (सी-1) की तैनाती दौरान लगभग कुल 1030 करोड़ रूपये की कीमत के कुल 200 से भी अधिक विभिंन कार्य अलाट किये गये है। 

इन कार्यो में लगभग 230 करोड़ रूपये की कीमत के कार्य अकेले मैसर्ज एकओंकार बिल्डर को ही दे दिये गये। अन्य  विवरण देते हुये श्री उप्पल ने बताया कि  इस मैसर्ज एकओंकार बिल्डर कंपनी में गुरमेज सिंह गिल्ल पुत्र विद्वान सिंह निवासी बी-36/21, पखोवाल रोड़ विकास नगर लुधियाना बतौर प्रोमोटर डायरैक्टर 50 प्रतिशत शेयरों का मालिक है इस कपंनी का दूसरा डायरैक्टर और बाकी पचास प्रतिशत शेयरों का मालिक मोहित कुमार पुत्र श्री हरि किशन निवासी मकान नम्बर 513/1, सरूप नगर, सलेम टाबरी लुधियाना, गुरमेज सिंह गिल्ल और मोहित कुमार की दोषी सुरिन्द्रपाल सिंह केसाथ सीधी पुरानी जान पहचान है क्योकि गुरमेज सिंह गिल्ल स्वयं बतौर  जूनियर इंजीनियर सुरिन्द्रपाल सिंह के अधीन मंडी बोर्ड लुधियाना में तैनात रहा है और मोहित कुमार का पिता श्री हरि कृष्ण भी सुरिन्द्रपाल सिंह के अधीन मंडीबोर्ड लुधियाना कार्यालय में बतौर सुपरवाईजर तैनात रहा है।वर्णननीय है कि मोहित कुमार शुरू मेें उक्त कपंनी में केवल एक वेतन पर कार्य करने वाला कर्मचारी था पंरतु बाद में कपंनी के रिकार्ड में उसको डायैक्टर और शेयर धारक बना दिया गया लेकिन अभी भी कंपनी से लगातार मासिक वेतन ले रहा है और वह पीछे से भी आर्थिक रूप से साधारण ही है। वर्ष 2015-16 में मैसर्ज एकओंकार बिल्डर द्वारा कुछ जमीन गांव चटौेली जिला एसएएस नगर खरीद की गई और इस जमीन के साथ लगती कुछ जमीन उस समय कंपनी के डायरैक्टर मोहित कुमार के नाम पर भी खरीद की गई थी। 

इस लिए मोहित कुमार द्वारा अवार्ड एग्रो टरेडर्ज प्राइवेट लि. कंपनी जोकि सुरिन्द्रपाल सिंह की पत्नी और माता के नाम पर है से 195 लाख रूपये हासिल किये गये।जांच दौरान पाया गया कि गुरमेल सिंह गिल्ल ने सेवानिवृति के पश्चात पहले मैसर्ज रूपिन्द्र सिंह ठेकेदार की प्रतिनिधिता की जोकि बाद में मैसर्ज एकओंकार बिल्डर एंड कोटरैक्टरज प्राइवेट लि. कपंनी में मरज हो गई और जिस जिस जगह पर दोषी सुरिन्द्रपाल सिंह की तैनाती रही उस उस जगह पर ही उक्त कपंनी ने ज्यादातर काम हासिल किये है। इसके अतिरिक्त सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा स्वयं को मकान नम्बर 36/563 गोबिंद नगर पखोवाल रोड़ लुधियाना का मालिक दर्शाते हुये मैसर्ज एकओंकार बिल्डर कपंनी के साथ कंपनी के डायरैक्टर गुरमेज सिंह गिल्ल द्वारा उक्त मकान कपंनी को किराये पर देने संबधी दिनांक 16-2-15 को लीज डीड की और इसी बिल्ंिडग में ही मैसर्ज एकओंकार बिल्डरज का कार्यालय मौजूद है।

इसके अतिरिक्त सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा पंजाब मंडी बोर्ड में उसकी तैनाती दौरान मैसर्ज एकओंकार बिल्डर को वर्ष 2011 से लेकर वर्ष 2013 तक कुल लगभग 14 करोड़ रूपये के कार्य अलाट किये गये जबक इस कपंनी द्वारा सुरिन्द्रपाल सिंह के गमाडा में अगस्त 2013 को ज्वाईन करने के पश्चात गमाडा में उक्त दर्शाये अनुसार सब कोटरैक्ट द्वारा 37 करोड़ रूपये के कार्य का कार्य अनुभव प्रमाण पत्र सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा ही हासिल कर लेने के पश्चात वर्ष 2016 तक कुल लगभग 230 करोड़ रूपये कीमत के भिन्न भिन्न कार्य हासिल किये इस दौरान सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा पंजाब मंडी बोर्ड में भी वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक इस कंपनी को लगभग 19 करोड़  रूपये के कार्य अलाट किये।

इससे अतिरिक्त सुरिन्द्रपाल सिंह ने गमाडा में बतौर मंडल इंजीनियर (सी-1)तैनाती दौरान मैसर्ज सैंटरोडोरसटरोए (इंडिया) प्राइवेट लि. ऊखला इंडस्ट्रीयल एरिया नई दिल्ली को जक्षन 66/67/80/81 से एन-4 निकट गांव छत्त एसएएस नगर में एक हाई लेवल पुल का कार्य कुल 76, 62, 17000 रूपये की कीमत पर  वर्ष 2013 में अलाट किया लेकिन सुरिन्द्रपाल सिंह ने अपनी एक अन्य चहेती कपंनी मैसर्ज राजिन्द्रा एंड कपंनी को लाभ देने के लिए अपने पद का दुरूपयो करके मैसर्ज सैटरोडोरसटरोए (इंडिया)से उक्त अलोटिड कार्य में कुल 363 करोड़ रूपये का कार्य मैसर्ज राजिन्द्रा एंड कंपनी को सबकोटरैक्ट पर करवाया और इस कार्य को सब कटोरैक्टर करने संबधी स्वीकृति भी दोषी द्वारा ही बतौर मंडल इंजीनियर दी गई।

उन्होने बताया कि सुरिन्द्र पाल सिंह ने अपनी  गमाडा में तैनाती दौरान कुल लगभग 210 करोड रूपये के अन्य कार्य मैसर्ज राजिन्द्रा एंड कं पनी और मैसर्ज राजिन्द्रा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लि. कंपनी को अलाट किये इसके अतिरिक्त वर्ष 2015 में एसएएस नगर में विभिंन जन स्वास्थ्य , सिविल और बागवानी के कार्यो के रखरखाव संबधी  टैंडर के योग्यता मापदंड बदल दिये गये और मैसर्ज ओएसिज़ कंपनी के कुल लगभग 50 करोड़ रूपये के कार्य अलाट किये गये। इस कंपनी का डायरैक्टर अमित गर्ग सुरिन्द्र पाल सिंह और उसके द्वारा अलाट किये कार्यो को हासिल करने वाले ठेकेदारों के बीच बतौर दलाल कार्य करता था और अमित गर्ग ठेकेदारों से सुरिन्द्रपाल सिंह के लिए कमीशन हासिल करता रहा।

विजिलैंस ब्यूरो के मुख्य श्री उप्पल ने बताया कि सुरिन्द्र पाल सिंह द्वारा अपनी पत्नी मनदीप कोर और माता स्वर्णजीत कौर के नाम पर तीन प्राइवेट लि. कंपनियां दर्ज करवाई गई जिनमें एसैस एग्रो सीडज प्राइवेट लि.और ओस्टर एग्रो टरेडज प्राइवेट लि. कंपनिया एक ही दिन दिनांक 9-2-09 को स्थापित की गई। हैरानी की बात है कि तीनों कपंनियों में उसकी पत्नी मनदीप कौर और माता स्वर्णजीत कौर बतौर डायरैक्ट्ररज पचास पचास प्रतिशत शेयरों की मालिक है उपरोक्त तीनों कपंनियों का रजिस्टर्ड पता मकान न. 39 डिफैंस कालोनी बीआरएस नगर लुधियाना है। जिसकी मलकियत सुरिन्द्रपाल सिंह की माता स्वर्णजीत कौर के नाम पर है। लेकिन मौके पर उक्त मकान में उक्त तीनो कंपनियों को कोई भी कार्यालय मौजूद नही है और इन तीनों कंपनियों का सारा काम भी मैसर्ज एकओंकार बिल्डर कंपनी के कार्यालय मकान न.36/563, पखोवाल रोड़ लुधियाना में ही किया जा रहा है।

अन्य विवरण देते हुये उन्होने बताया कि इन तीनों कंपनियों के बैंक खातों में करोडो रूपये सालाना के हिसाब से नकद जमा हो रहे है जिनमें वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2016 तक लगभग 40 करोड़ रूपये जमा होने के बारे मे पता चल चुका है और एक कंपनी से दूसरी कपंनियों में ट्रंाजैक्षन पैसा तबदील हो रहा है और इन कपंनियों के नाम पर बहुत सी बहु करोडी कीमत की संपतियां भी खरीद गई है इन संपतियों की खरीद के समय क ई बार इन कपंनियों के प्रतिनिधि के रूप में गुरमेज सिंह गिल्ल द्वारा बतौर खरीददार हस्ताक्षर किये गये है। 

जांच दौरान उक्त तीनों कंपनियों द्वारा कोई  खास कारोबार किया जाना नही पाया गया जिससे स्पष्ट है कि सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा अपनी नौकरी दौरान प्राइवेट ठेकेदारों को जो नाजायज वित्तीय लाभ पहुंचाया उस वित्तीय लाभ से उनके साथ मिलकर स्वयं भी हिस्सा प्राप्त किया और मैसर्ज एकओंकार बिल्डर जोकि उसके स्वयं के दिमाग की उपज है द्वारा करोड़ो रूपये इधर उधर करके विभिंन बैक खातों द्वारा ट्रांसफर  करके अपने परिवारिक सदस्यों के नाम पर मौजूद कंपनियों में निवेश दिखाकर ठिकाने लगाया। श्री उप्पल ने बताया कि उक्त के अतिरिक्त एक अ न्य प्राइवेट लि. कंपनी एकमे करसरज एंड बिल्डरज प्राइवेट लि. दिनांक 10-10-16 को स्थािपत हुई जिसमें गुरमेज सिंह गिल्ल और तरनदीप सिंह संघा जोकि सुरिन्द्रपाल सिंह का जीजा है डायरैक्टर है। पंरतु इस कंपनी की सारी शेयर होल्ंिडग सुरिन्द्रपाल सिंह की पत्नी मनदीप कौर  और माता स्वर्णजीत कौर के नाम पर है। इस कंपनी द्वारा मैसर्ज एकओंकार बिल्डर के साथ बैंक ट्रांजैक्षों द्वारा काफी लेन देन किया गया। विजिलैँस मुख्य श्री उप्पल ने कहा कि उक्त दर्शाये गये तथ्यों से जाहिर होता है कि मैसर्ज एकओंकार बिल्डर कंपनी , मैसर्ज राजिन्द्र एंड कपंनी, मैसर्ज ओएसिज टैक्नोलोजीज प्राइवेट लि. व अन्य फर्मे/कंपनियों को सुरिन्द्रपाल सिंह सहित गमाडा व पंजाब मंडी बोर्ड के इंजीनियरों व अधिकारियों  द्वारा अलाट किये गये बहु करोडी कार्यो में अपराधिक उदेश्य से नाजायज वित्तीय लाभ पहुंचाया गया जिनके विरूद्ध विजिलैंस द्वारा मुकदमा दर्ज करके आगामी जांच शुरू कर दिया गया है।

 

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