रेत की 89 खदानों की सफलतापूर्वक ई-नीलामी से उत्साहित होकर पंजाब सरकार ने शीघ्र ही 70 लाख टन रेत जारी करने का फैसला किया है ताकि राज्यभर में रेत की मांग पूरी करने के साथ-साथ कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।एक सरकारी प्रवक्ता ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रगतिशील बोली द्वारा मार्किट में ओर रेत जारी करने के स्टैंड को तर्कसंगत बताते हुए कहा कि तीन लाख टन रेत की निकासी से राज्य में मांग एवं आपूर्ति की दरार को पूरा किया जा सकेगा।मीडिया के एक हिस्से में रेत की कीमतों के मूल्य बढऩे की प्रगटाई संभावना को रद्द करते प्रवक्ता ने कहा कि खनन संबंधी सरकार की नीति दो स्थानों पर खड़ी है जिनमें लोगों को वाजिब कीमत व रेत मुहैया करवाने और दूसरा राज्य के खज़ाने के लिए तर्कमयी राजस्व इकत्रित करना है। उन्होंने कहा कि इससे पहले खनन का राजस्व माफिया की जेबों में जाता था जिन्हें अकाली भाजपा की सरप्रस्ती हासिल थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अवैध खनन को प्रभावी ढंग से खत्म करने और सभी को समान अवसर मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है।
प्रवक्ता ने कहा कि ई-नीलामी ने इस प्रणाली को आम व्यापारी के विश्वास को बहाल किया है और इस व्यापार में दाखिल होने के लिए नए उद्यमियों को भी उत्साहित किया है जिसका प्रगटावा नीलामी में हिस्सा लेने वाले लोगों से होता है। उन्होंने कहा कि इस नई प्रणाली ने इस व्यापार में कुछेक लोगों की ईजारेदारी तोड़ दी और 1.3 करोड़ टन रेत जारी करने के लिए 1026 करोड़ रूपए का राजस्व इकत्रित करने का नया रिकार्ड कायम किया है।प्रवक्ता ने बताया कि 70 लाख टन अधिक रेत शीघ्र ही जारी किया जाएगा जिसके साथ मार्किट में कुल तीन करेाड़ टन रेत मुहैया होगा जिसमें से एक लाख टन पहले ही उपलब्ध हो चुकी है। प्रवक्ता अनुसार यह मौजूदा 2 करोड़ टन की अनुमानित मांग से ओर अधिक होगी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में रेत बिक्री के लिए मौजूद होने से अधिक मूल्य वसूलने या इसकी ज़खीरेबाज़ी करने का कोई प्रश्र ही पैदा नहीं होता।प्रवक्ता ने आगे कहा कि मौजूदा सरकारी नीति के अधीन खदाने अलॉट करने की शर्ते जखीरेबाजी और ठेकेदार की आशंका दूर करने के लिए तैयारियां की गई हैं जिनको 23 मई तक सुरक्षा फीस एवं आगामी भुगतान जमा करवाना होगा। इस कार्य में असफल रहने वाले बोलीकारों की बयाना राशि जब्त करके काली सूची में शामिल कर लिया जायेगा और खदानों की तुरंत नीलामी कर दी जायेगी।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि सफल बोलीकार को रेत की असल निकासी की जगह कुल बोली की संपूर्ण राशि का तिमाही किस्तों में भुगतान करना होगा। यदि बोलीकार ऐसा करने में नाकाम रहता है तो उसकी सुरक्षा फीस जब्त कर ली जायेगी और खदान की पुन: नीलामी करवाई जायेगी।प्रवक्ता अनुसार खनन विभाग नई जगहों की पहचान करने के लिये सरगर्मी से कार्य कर रहा है और आपूर्ति को यकीनी बनाने के लिये और समर्था जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस व्यापार में बहुत से लोगों के आने से अवैध खनन विरूद्ध जबरदस्त रोक लगेगी और ठेकेदार स्वयं ही अपने हितों की सुरक्षा के लिये अन्यों पर कठोर निगरानी रखेंगे।प्रवक्ता अनुसार अवैध खनन रोकने के लिये विभाग द्वारा सुदृढ विधि विधान की प्रक्रिया भी आरंभ हुई है जिसमे मानवीय एवं प्रौद्योगिकी पड़ताल शामिल है और इससे योग्य लोगो को मदद मिलेगी।प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के इन सभी प्रयासों का उद्धेश्य खनन क्षेत्र में बड़े सुधार लाना तथा ठेकेदार द्वारा गलत ढंग से कमाये जाते मुनाफे को सरकारी खजाने में जाने को विश्वसनीय बनाना है जिसका प्रयोग लोगों की भलाई के लिये आरंभ किये कार्यक्रमों के लिये किया जाना है।