स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब में फूड सेफटी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट आफ इंडिया(एफएसएसएआई) की उंलघना करने और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले मिलावट खोरों विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के दिशा निर्देश जारी किये है। यह कार्यवाही केवल छोटे व्यापारियों तक ही सीमितनही रहेगी बल्कि मिलावट खोरी करने वाले बड़े उत्पादकों (ब्रांड) से भी सख्ती से निपटा जाएगा। यह निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रहम महिन्द्रा ने राज्य के समूह फूड एंड ड्रग एडमिनिस्टै्रशन अधिकारियों को यहां आयोजित राज्य स्तरीय बैठक दौरान दिये। इस उच्च स्तरीय बैठक दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने मौजूद समूह डैजीगनेटिड अधिकारियों, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों, फूड सेपटी अधिकारियों, सहायक कमीशनर फूड अधिकारियों को आदेश देते हुये कहा कि पंजाब में लोगोंको अच्छा खाना पीना और भोजन पदार्थ उपलब्ध करवाना स्वास्थ्य विभाग की मुख्य जिम्मेवारी है और जिस के लिए फूड सेफटी एक्ट को केवल कार्यालय कार्यवाही तक सीमित ना रखा जाए इस के लिए विभागीय कारगुजारीमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों विरूद्ध जीरो टालरेंस होगी। उन्होने कहा कि जहां भी मिलावटखोरी आदि की शिकायत मिलने के पश्चात शिकायत की गंभीरता ेस जांच करके शीघ्र कार्यवाही की जाए ताकि पंजाब सरकार में लोगों का आपसी विश्वास बढ़ सके।
ब्रहम महिन्द्रा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के फूड इंस्पैक्टरों की छवि में सुधार लाया जाए और केवल छापेमारी करके ही नही बल्कि कार्यवाही करके परिणाम सामने दिखाये जाए। उन्होने निर्देश दिये कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये और सैपलिंग की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए फूड सेफटी से संबधित अधिकारियों की विशेष टे्रेनिंग करवाई जाएगी। जिस में वह स्वयं उपस्थित रहेगें।स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिये कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुये दूध से बने उत्पादों जैसे पनीर, घी, खोया आदि के अतिरिक्त फल जैसे की आम, केला, चीकू आदि की गुणवत्ता की विशेषतौर पर जांच की जाए। उन्होने कहा कि मिलावट खोरी एक गंभीर मसला है और यह प्रत्यक्ष रूप से लोगों के स्वास्यि और जीवन से जुड़ा हुआ है। जिसमें आवश्यक सुधार करके कैंसर , हैपेटाईटस , पेट आदि की भयानक बीमारियों से बचा जा सकता है जिसके के लिए उन्होने लोगों को अपील की कि मिलावट या कम गुणवत्ता वाले भोजन पदार्थो संबधी शिकायतें स्वास्थ्य विभाग को आनलाईन भी दर्ज करवाई जा सकती है। इस दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती अंजलि भावरा ने निर्देश दिये कि मोबाईल टैस्ट लैब की स्टेटस रिपोर्ट तीन दिन में स्टेट हैडक्वाटर व स्टेट नोडल अधिकारी डा. अमृतपाल वडि़ंग को भेजनी यकीनी बनाई जाए ।
उन्होने कहा कि खाने पीने की सामान की ब्रिकी करने वाले दुकानदारो और कारोबारियों की आनलाईन रजिस्ट्रेशन और लाईसैंस एप्लाई करने की प्रक्रिया को आसान किया जाए इसी प्रकार जिलों में लम्बित शिकायतों का निपटारा करके एक सप्ताह में स्टेट हैडक्वाटर को रिपोर्ट भेजी जाए।श्रीमती भावरा ने कहा कि साफ सुथरे खाने के प्रति जागरूक करने के विशेष जागरूकता मुहिम अधीन वर्कशाप , सेमीनार आदि करके लोगों को फूड सेफटी एंड स्टंैडर्ड एक्ट आफ इंडिया की जानकारी दी जाए ताकि लोग सतर्क होकर स्वस्थ जीवन का अंानद प्राप्त कर सके। उन्होने कहा कि विशेष स्तर में देखने में आ रहा है कि केवल मिलावटखोरी के कारण ही लोग विभिंन बीमारियों की मार झेल रहे है।ड्रग एंड फूड एडमिनीस्ट्रेशन के कमीशनर श्री वरूण रूजम ने समूह अधिकारियों को संबोधन करके कहा कि स्वच्छ व खाने पीने के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए उन्होने कहा कि समूह अधिकारी बिना इजाजत अपना हैडक्वाटर ना छोड़े और जिले में अधिकारियों द्वारा समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूलों में जंक फूड की ब्रिकी को बंद करवाया जाएइसके साथ ही उनके द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि अधिकारियो द्वारा स्कूलों के मीड डे मिल और आंगनवाडिय़ों की रसोईयों और स्टोरो की निरतंर जांच की जाए।