शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के हारे एवं बौखलाये नेताओं को धैर्य रखने एवं स्वयं के भीतर झांकने की दी सलाह देते हुये पंजाब के सिंचाई एवं उर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने गठजोड़ के नेताओं को कहा कि अकाली-भाजपा द्वारा तबाह एवं बर्बाद किये गये पंजाब को पुन: पटरी पर लाने में वक्त तो लगेगा ही।राणा गुरजीत सिंह ने आज यहां जारी एक बयान द्वारा अकाली-भाजपा गठजोड़ के नेताओं द्वारा की की की जा रही आलोचना का जवाब देते हुये कहा, ‘‘120 महीनें में की गई गड़बड़ी यकीनी तौर पर सिर्फ 2 महीनों में ठीक नही की जा सकती इसलिये उन्हें हमारे साथ इस स्थिति को उस समय तक सहन करना पड़ेगा जबतक हम इसको सुधार नही देते।’’राणा गुरजीत सिंह ने व्यंग्य करते हुये कहा कि आपकी गैर-कानूनी तौर पर चलती हुई बसें सडक़ों से गायब हो गई हैं, राज्य के स्त्रोतो जैस कि रेत-बजरी की अवैध लूट बंद हो गई है और शराब का व्यापार भी तुम्हारे हाथों में ना रहने के कारण आपकी बौखलाहट को समझा जा सकता है। गत् 2 महीनों दौरान जो आपको बड़ा नुकसान सहना पड़ा है उसके लिये हमारी आपके साथ पूरी हमदर्दी है।
सिंचाई एवं उर्जा मंत्री ने कहा कि अकाली-भाजपा के नेताओं अंदर निराशा का आलम इसलिए भी है क्योंकि वे यह विशवास नही कर पा रहे कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अपना वायदा पूरा करते हुये ना सिर्फ गेंहू की समय पर खरीद यकीनी बनाई बल्कि 24 घंटे के भीतर किसानों को उनकी फसल की अदायगी भी की गई।इस तरह नशे बेचने वाले, नशा निर्माता और तशा तस्कर राज्य छोडक़र भाग रहें हैं, जबकि आर्थिकता को पुन: पटरी पर लाया जा रहा है, यह कहते हुये उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार द्वारा उठाये गये इन सभी कदम इतने प्रत्यक्ष है कि राज्य के लोग पुन: खुशहाली महसूस करने लगे हैं।अकाली दल के नेताओं द्वारा 10 वर्ष दौरान किस तरह बल प्रयोग करते हुये विरोधी दल के वर्करों और नेताओं के साथ हुये अत्याचार का जिक्र करते हुये, राणा गुरजीत सिंह ने कहा आपके तरह कांग्रेस सरकार पक्षपात या बदलाखोरी के साथ कार्य नही करती बल्कि वह फैसले लैंदी है जो सही हों।एक उदाहरण का हवाला देते हुये राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि अकालियों द्वारा गत् 10 वर्षदौरान अपने चहेतों को 65000 टयूबवैल कुनैक्शन बांटे गये जबकि बहुत से ऐसे किसान भी हैं जो 1992 से टयूबवैल कुनैक्शन का इंतजार कर रहें हैं। न्होंने कहा कि केवल इतना ही नही इन्होंने तो पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को भी इतने वर्षो के दौरान टयूबवैल कुनैक्शन नही दिये जो अब हम दे रहें हैं।