पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नीति आयोग के उप-चेयरमैन अरविंद पनागराया के साथ मुलाकात करके राज्य के समूचे विकास के लिए केन्द्र की मदद और सहयोग की मांग करने के अतिरिक्त संकट में घिरे कृषि सैक्टर की मदद के लिए विशेष कदम उठाने और क़र्ज़ माफी, औद्योगिकरण व सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष पैकेज संबंधी विचार-विमर्श किया।बैठक के उपरांत एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नीति आयोग ने फसली विभिन्नता, उद्योग के पुनर्जीवित व अन्य कार्यक्रमों द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए पंजाब सरकार के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करने के लिए नीति आयोग ने पंजाब का दौरा करने संबंधी सहमति व्यक्त की।नीति आयोग ने पंजाब के मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड, जम्मू व कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को औद्योगिक रियायतों का पंजाब पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में नाज़ुक सीमावर्ती क्षेत्रों की 40 किलोमीटर पट्टी में विशेष औद्योगिक पैकेज दिए जाने का सुझाव दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य में माईक्रो, लघु व दरम्याने उद्यमियों को उत्साहितत किए जाने की बहुत अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की रियायतें सीमावर्ती क्षेत्र पट्टी और नीम पहाड़ी इलाकों में दी जानी चाहिए ताकि रोज़गार को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य में कर राजस्व को भी बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्रीय विकास में संतुलन बनाए रखने के लिए यह बहुत अधिक आवश्यक है।
उन्होंने सीमावर्ती इलाकों के लिए विशेष यकमुश्त बुनियादी ढांचा विकास पैकेज की भी मांग की ताकि देश के राष्ट्रीय हाईवे प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती सडक़ों का विशेष विकास व रख-रखाव किया जा सके।मुख्यमंत्री ने बठिंडा तेल शोधक कारखाने के साथ पैट्रो कैमिकल हॅब को भी प्रोत्साहन देने की केन्द्र सरकार को अपील की ताकि लाभ मुहैया करवाने वाले अन्य उत्पादों का उत्पादन किया जा सके। क़र्ज़े के बड़े बोझ तहत जूझ रही राज्य की किरसानी को इस वित्तीय बोझ से निकालने के लिए वित्तीय सहायता की विनती को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में एग्रो फूड पार्कों विशेष करके बागबानी को उत्साहित करने के लिए आयोग व केन्द्र सरकार से सहायता की मांग की।मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार मक्की और अन्य फसलों के कम कीमत की पूर्ति के लिए आयोग की सहायता की मांग भी की ताकि किसानों को गेहूं व धान की जगह अन्य फसलों की खेती करने के लिए उत्साहित किया जा सके जिनके साथ उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए रूप रेखा तैयार करने के लिए आयोग से तकनीकी सहायता की भी अपील की।बैठक दौरान तुपका सिंचाई, जल संरक्षण तथा प्रबंधन के मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के एक बार क़र्ज़े माफ करने के लिए भी केन्द्र सरकार से सहायता के लिए विनती की क्योंकि राज्य की आर्थिक स्थिति इस समय बहुत कमज़ोर है।
गत् सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप राज्य इस समय गंभीर वित्तीय मुश्किलों में चल रहा है।राज्य में पानी की उत्पादकता में बढ़ोतरी करने के लिए कृषि में माईक्रो सिंचाई प्रणाली को लागू करने और इस संबंधी योजनाबंदी के लिए आयोग के समर्थन की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी सहायता की मांग की।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात पर बल दिया कि केन्द्र सरकार कंटीली तार से पार जमीन एक्यूआयर करे और इसके लिए किसानों को उदारमयी मुआवज़ा दे क्योंकि फौज की तैनाती कारण यहां कृषि करना सरल नहीं है।उन्होंने कहा कि उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों को दी गई टैक्स रियायतों और विकास स्कीमों जैसी रियायतें तथा स्कीमें पंजाब को भी दी जाएं और इसे वित्तीय सहायता के लिए ए श्रेणी में शामिल किया जाए। जम्मू व कश्मीर और आठ उत्तर पूर्वी राज्यों की तर्ज़ पर पंजाब में स्टेट पुलिस फोर्स स्कीम का आधुनिकीकरण किया जाए तथा इसके लिए 90:10 पर आधारित केन्द्रीय फंड मुहैया करवाए जाएं।मुख्यमंत्री के साथ उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल व प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चन्द्रा, रैजीडेंट कमिश्रर पंजाब भवन, नई दिल्ली राहुल भंडारी भी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मैंबर कृषि डा. रमेश चंद, सी ई ओ नीति आयोग अमिताभ कांत व अतिरिक्त सचिव यादविन्द्रा माथुर भी बैठक में उपस्थित थे।