पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बागवानी से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्टों को आरंभ करने के लिये एक अलग प्रशासकीय संस्था स्थापित करने के लिये सैद्धांतिक स्वकृति दे दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बागवानी के विकास के लिये कार्पोरेटस/व्यक्तियों को लीज़ पर भूमि देने के लिये जमीन मालिकों के हितों की सुरक्षा के लिये विधि विधान तैयार करने के लिये भी आदेश जारी किये हैं।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां हुई कृषि और बागवानी विभाग की बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुये एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने रिवायती कृषि से वैज्ञानिक पगों पर बागवानी की तरफ लौटने के लिये अपने प्रधान सचिव और मुख्य सचिव को एक व्यापक योजना तैयार करने के लिये भी कहा है।प्रवक्ता ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में गेंहू-धान की रिवायती खेती से बागवानी की तरफ लौटने के लिये किसानों को उत्साहित करने हेतू कृषि विविधता को प्रौत्साहन देने के लिये और बड़ी पहलकदमियों हेतू बड़े कदम उठाने के लिये आदेश जारी किये हैं।भूमि चले जाने के डर से मालिकों द्वारा अपनी भूमि लीज़ पर ना देने का जिक्र करते हुये अधिकारियों ने पंजाब में बागवानी में कार्पोरेटस/व्यक्तियों के निवेश को यकीनी बनाने के लिये भूमि की सीमा से अधिक भूमि लीज़ पर रखने और सिंचाई अधीन लेने की आज्ञा देने की जरूरत पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने लंबी अवधि के ठेके/लीज के मामले में मालकियत/कब्जा संबंधी अधिकारों की रक्षा के लिये 2011 के संशोधन में उचित कानून बनाकर कठोरता से लागू करने के लिये कदम उठाने के आदेश दिये।प्रवक्ता अनुसार प्रस्तावित नये प्रशासकीय मुखी के संबंध में बागवानी के संबंधित विभिन्न प्रोजेक्टों और विभिन्न सरगर्मियों पर तालमेल के द्वारा निगरानी रखने की जरूरत संबंधी भी बैठक में निर्णय किया। इस कार्य से मौजूदा समय संबंधित विभिन्न राज्य सरकार के विभागों के काम-काज को दुरूस्त करने के लिये सचिव बागवानी के अधीन नया मुखी स्थापित करने का भी फैसला किया गया।
मुख्यमंत्री ने पंजाब कृषि मंडीकरण विकास बोर्ड (मंडी बोर्ड) की तर्ज पर पंजाब बागवानी बोर्ड स्थापित करने के लिये भी सहमति दे दी ताकि किसानों को बागवानी की तरफ लौटनें के लिये उनकी सहायता की जा सके। बैठक के दौरान पंजाब भूमि सुधार एक्ट, 1973 की असंगतियों संबंधी भी विचार विमर्श किया गया जिसका मकसद किनू के अतिरिक्त अन्य फलों सहित बगीचे को पुन: परिभाषित करना और इसके अधीन प्रमाणित योग्य क्षेत्र की समीक्षा करना शामिल हैं।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (बागवानी) द्वारा गुरू अंगद देव यूनीवर्सिटी ऑफ वेटरनरी साईंस की तर्ज पर फलों, सब्जियों तथा फूलों के विकास और अनुसंधान के लिये अलग यूनीवर्सिटी स्थापित करने के पेश किये प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की ताकि राज्य के बागवानी क्षेत्र को और प्रौत्साहन दिया जा सके।एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला लेते हुये मुख्यमंत्री ने बागवानी विभाग में खाली पड़े पद भरने के भी निर्देश दिये। प्रवक्ता अनुसार यह रिक्तियां भरने के लिये पंजाब लोक सेवा आयोग द्वारा प्रक्रिया तेज की जायेगी ताकि फिर पर्सोनल एवं वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद मंजूरशुदा रिक्तियों को पी पी एस सी के घेरे से बाहर निकालकर तेजी से भरा जायेगा। पी पी एस सी के घेरे से बाहर निकाले जाने की सूरत में यह रिक्तियां विभागीय चयन कमेटी द्वारा लिखित परीक्षा के आधार पर पूरी तरह मैरिट पर भरी जायेंगी जोकि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ली जायेगी। राज्य में संकट में जूझ रहे किसानों के लिये सुदृढ विकास बनाने के लिये फसली विविधता को जोरशोर से अमल में लाने में जुटे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बागवानी के क्षेत्र में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और प्रमुख कृषि विशेषज्ञों की सेवांए लेकर किनूओं की नई किस्में विकसित करने के लिये अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक के दौरान दक्षिणी पंजाब में अबोहर में कोल्ड स्टोरेज के लिये समर्पित किनू मंडी स्थापित करने के लिये प्रस्ताव किया गया।मुख्यमंत्री ने जूस एवं अन्य पेय पदार्थो का घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंडीकरण यकीनी बनाने के लिये पेप्सीको, ट्रोपीकाना, हिंदोस्तांन यूनीलीवर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से सांझे उद्यम स्थापित करने क ी जरूरत पर बल दिया। उन्होंने दक्षिणी पंजाब में फलों को खराब होने से बचाने के लिये वातानकूल भंडार करने हेतू बुनियादी ढांचा विकसित करने की जरूरत पर बल दिया जिससे घरेलू मार्किट एवं निर्यात को मज़बूत किया जा सके। बैठक में फूलों की काश्त तथा मधूमक्खी पालन के साथ-साथ मशरूम एवं आलूओं के विकास के अतिरिक्त टमाटरों की मंडी स्थापित करने के साथ संबंधित मामलों पर भी विचार किये गये।बैठक में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (बागवानी) हिम्मत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) सतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह, सचिव कृषि विवेक प्रताप सिंह तथा विशेष सचिव बागवानी विकास गर्ग उपस्थित थे।