उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने एकजुट होकर काफी हंगामा किया। राज्यपाल पर विपक्ष ने कागज के टुकड़े फेंके और सीटियां बजाईं, जिससे उनका एक भी शब्द नहीं सुना जा सका। लेकिन राज्यपाल ने हंगामे के बीच अपना अभिभाषण जारी रखा और पूरा किया। बाद में सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुई और थोड़ी देर बाद कार्यवाही स्थगित हो गई। राज्यपाल राम नाईक का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन में तैनात मार्शलों ने उनका बचाव किया। इस बीच विपक्ष ने नारे लिखी तख्तियां भी दिखाईं और जमकर नारेबाजी की।सभी सपा नेता लाल टोपी पहनकर आए हुए थे। उनके पास सीटी भी थी। विपक्ष कानून-व्यवस्था को लेकर लामबंद है।सदन में विधायकों के इस व्यवहार से राज्यपाल नाराज हो गए।
उन्होंने कहा कि समूचा उत्तर प्रदेश आपको देख रहा है। सदन में विधायकों का यह व्यवहार ठीक नहीं है। हालांकि राज्यपाल ने भारी हंगामे के बीच अभिभाषण पूरा पढ़ा।विपक्ष के हंगामे पर उप्र कैबिनेट मंत्री सिद्घार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हम आशा करते हैं कि सदन में विपक्ष अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएगा। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।सपा के नेता रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं को एक साथ बैठक कर संयुक्त रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ विपक्ष एकजुट नहीं हुआ, तो ये ताकतें (साम्प्रदायिक) सब कुछ तबाह कर देंगी।"उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद पहला विधानसभा सत्र शुरू हुआ है। यह 22 मई तक चलेगा।