चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया।शरीफ बेल्ट एंड रोड फोरम में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग में हैं, जिसमें भारत के हिस्सा लेने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह सीपीईसी के खिलाफ है, जिसे पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरना है। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, शी ने कहा कि गलियारे की दीर्घकालिक योजना यह है कि इसे यथासंभव जल्द से जल्द पूरा किया जाए और ऊर्जा, परिवहन अवसंरचना व लोगों की आजीविका से जुड़े सहयोग कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाए और उसे पूरा किया जाए।करोड़ों डॉलर का यह आर्थिक मार्ग चीन के काशगर शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा। चीन ने अतीत में भी सीपीईसी की धीमी गति को लेकर पाकिस्तान से शिकायत की थी।
सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का एक प्रमुख हिस्सा है, लेकिन भारत इसका सख्त विरोध करता है, क्योंकि यह पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर अपना दावा करता है, जहां से इस मार्ग को गुजरना है।लेकिन परियोजना के प्रायोजक चीन पर भारत द्वारा बार-बार की गई आपत्ति का कोई असर नहीं पड़ा है।समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शी ने कहा, "पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में और उसके आसपास की अतिरिक्त परियोजनाओं में तेजी लाई जाए और गलियारे से लगे औद्योगिक पार्को के निर्माण पर अध्ययन कराया जाए।"उन्होंने कहा, "दोनों पक्षों को न सिर्फ उच्चस्तरीय आदान-प्रदान जारी रखना चाहिए, बल्कि सरकारों, विधायिकाओं और राजनीतिक दलों के बीच बातचीत बढ़ानी चाहिए।"शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच पारंपरिक मित्रता मजबूत है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ संबंधों को गहरा करने और बेल्ट एंड रोड निर्माण पर सहयोग में भागीदारी को लेकर राष्ट्रीय सहमति है।शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान गलियारे से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के सक्रिया क्रियान्वयन और ऊर्जा व अवसंरचना निर्माण पर सहयोग को तेजी से आगे बढ़ाने में चीन के साथ काम करना चाहता है। इसमें ग्वादर बंदरगाह कार्यक्रम भी शामिल होगा।