भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा एटीएम से सभी किस्म की निकासी पर जून माह से शुल्क लगाने के विरोध में केरल में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बैंक के नए आदेश के तहत ग्राहक द्वारा हर बार एटीएम से नकदी निकालने पर 25 रुपये का शुल्क लगेगा। साथ ही 5,000 रुपये से अधिक पुराने और कटे-फटे नोट बदलने पर भी शुल्क लगेगा। सीपीआई-एम के लोकसभा सदस्य एम.बी. राजेश ने कहा, "यह अपमानजनक है और केंद्र सरकार लोगों को धोखा दे रही है। जब से नोटबंदी लागू की गई तभी से केंद्र सरकार लोगों को सता रही है। इसे संसद के अंदर और संसद के बाहर जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।"लोकप्रिय फिल्म व्यक्तित्व शोबी थिलकान ने इसे 'केन्द्र की लोक-विरोधी नीति' करार दिया। थिलकान ने कहा, "एसबीआई स्थानीय महाजनों से भी बदतर हो गई है और आम आदमी का शोषण कर रही है। इस नई नीति के खिलाफ एक सार्वजनिक रूप से आवाज उठानी चाहिए।"यहां एसबीआई एटीएम के सामने भी ग्राहकों को गुस्सा व्यक्त करते देखा गया।
एटीएम से पैसे निकालने आए एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने कहा, "केंद्र सरकार ने लोगों को धोखा दिया है और इसे इस नजरिए से देखना चाहिए कि उन्होंने कितनी होशियारी से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। उन्होंने केरल के अपने बैंक (स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर) को एसबीआई के साथ मिला दिया। अब एसबीटी के ग्राहक एसबीआई के ग्राहक बन गए हैं और उनसे एसबीआई अनापशनाप शुल्क वसूलने लगी है।"कोट्टायम के एक और नाराज एसबीआई ग्राहक ने कहा कि 141 सदस्यों वाली केरल विधानसभा में एकमात्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक को छोड़कर सभी ने इस विलय का विरोध किया था और इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था।एसबीआई के एक खाताधारक ने कहा, "यह तो होना ही था और वे अब गरीबों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। हम यह जानना चाहते हैं कि इस पर राज्य के भाजपा नेताओं को क्या कहना है। एसबीआई के खिलाफ केरल में बड़े पैमाने पर विरोध होना चाहिए।"केरल में 880 एसबीटी शाखाओं में से 400 से ज्यादा बंद कर दी गई है और वर्तमान में राज्य में एसबीआई की 800 से अधिक शाखाएं हैं।