पंजाब अनएडिड कॉलेजिस एसोसिएशन (पुक्का) ने होटल पार्क व्यू, सेक्टर-24, चण्डीगढ में ''अनएडिड कॉलेजिस में चैलेंज, रिस्क और मैनेजमेंट ऑफ फाईनेंस पर राउंड टेबल डिस्कशन का आयोजन किया। मुंबई से जाने माने फाईनेंशल एक्सपर्ट, डॉ अजय दुबे इस अवसर पर मुख्य वक्ता और सीए अनीत गोयल, सीए मनमोहन गर्ग, सीए रेणु अरोडा अन्य वक्ता थे जबकि डॉ अंशु कटारिया, प्रेजिडेंट, पुक्का ने फंक्शन की अध्यक्षता की। करीब 100 एजुकेशनिस्ट जिनमें पंजाब के विभिन्न अनएडिड कॉलेजिस के प्रिंसीपल, डायरेक्टर, चेयरमैन, सीएफओ आदि शामिल थे, ने इस फंक्शन में भाग लिया। फाईनेंस के अलग-अलग सेक्टरों के एक्सपर्ट ने फी मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर में इंवेस्टमेंट, डोनेशन, कोस्ट कटिंग, टेक्सेशन, बैंक फंडिंग, प्राईवेट फंडिंग, फोरन फंडिंग, लोन रिस्टरकटिंग, एसेटस रि-कंस्ट्रक्शन, नोन प्रफोरमिंग एसेटस, वन टाईम सैटलमेंट आदि पर अपने विचार प्रकट किए। दुबे ने शिक्षा उद्यमियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि भारत में एजुकेशन इण्डस्ट्री भारी वित्तिय संकट में है। मैन्यूफैक्चरिंग और सॢवस सेक्टर में कम वृद्धि दर के कारण औद्योगिक और अन्य क्षेत्रों में कम भर्ती है। कम प्लेसमेंट भी देश में एडमिशन्स पर प्रभाव डालती है। दुबे ने आगे कहा कि '' छात्रवृति जारी करने में सरकार द्वारा विलंब के कारण कई बडे और छोटे अनएडिड कॉलेजिस के खाते नॉन-परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) हो चुके है।सीए मनमोहन गर्ग ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि कॉलेजों ने जमीन, बिल्डिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर करोडों रूपये निवेश किए है इसलिए उन्हे इन संसाधनों का सबसे अच्छा उपयोग करना चाहिए।
उन्होने आगे कहा कि इन परिस्थितियों में कॉलेजिस को लागत में कटौती का जरिया अपनाना चाहिए और उनके पास उपलब्द्ध संसाधनों से राजस्व में वृद्धि करनी चाहिए।सीए रेणु अरोडा ने बोलते हुए कहा कि अनएडिड टैक्नीकल इंस्टीच्यूशन्स को पूरी तरह से निजी उद्यमियों द्वारा चलाया जाता है और सरकार द्वारा उनके विकास और कार्यो के लिए कोई वित्तिय समर्थन नही दिया जाता है। उन्होने आगे कहा कि प्राईवेट कॉलेजिस को विभिन्न तरह के टैक्सिस से मुक्त करना चाहिए जैसे कि सॢवस टैक्स, चेंज इन लैंड यूज (सीएलयू), पर्यावरण, स्टैम्प डयूटी, प्रोपर्टी टैक्स, लैबर टैक्स आदि क्योंकि यह इंस्टीच्यूशन्स कमर्शियल हाउसिस के अन्र्तगत नही आते।सीए अनित गोयल ने शिक्षा उद्यमियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को बढाने के लिए कॉलेजिस को छोटे समूहों के रूप में बनने की जरूरत है ताकि आस-पास के कॉलेजिस में संयुक्त गतिविधियां हो सके जैसे कि संयुक्त अध्यापन, प्लेसमेंट, परिवहन, हॉस्टल आदि। उन्होने आगे कहा कि कॉलेजिस को एकीकरण चरण में जाना चाहिए क्योंकि अब कॉलेजिस में पर्याप्त इंटेक है।इस फंक्शन में बहुत से पुक्का मैम्बर्स ने भाग लिया जिनमें सरदार गुरचरण सिंह (गुलजार ग्रुप), श्री सरदार गुरप्रीत सिंह (जनरल सेकरेटरी), अशोक गर्ग (ट्रेशर),चैरी गौयल (मालवा-1 कोर्डिनेटर), मोन्टी गर्ग (मालवा-2 कोर्डिनेटर), श्री रणबीर ढींडसा (पॉलीटैकनीक एसोसिएशन), श्री संजीव चोपडा (दोआबा कोर्डिनेटर), श्री राजिन्द्र धनोवा, जनरल सेकरेटरी, एसोसिएशन ऑफ पॉलीटैक्नीक कॉलेजिस ऑफ पंजाब; श्री भुपिन्द्र शर्मा, जनरल सेकरेटरी, हिमाचल प्रदेश कॉलेजिस एसोसिएशन आदि शामिल है।