आर्यन्स इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग ने अपने कैम्पस में फ्री डैंटल चैकअप कैम्प का आयोजन किया
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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) , 07 May 2017
अपनी सामाजिक ज़िम्मेवारी को निभाते हुए, आर्यन्स इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग(एआईएन), चण्डीगढ ने आज अपने कैम्पस में फ्री डैंटल और जागरूकता कैंप का आयोजन किया। सीनियर स्पैशलिस्ट डैंटल सर्जन की टीम जिनमें डॉ शिफाली, डॉ विजिता मेहता और पैरा-मैडीकल स्टॉफ शामिल था, ने एएनएम, जीएनएम के विद्यार्थियों के दांतो की व्यापक जांच की। कैम्प की शुरूआत दांतो के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के साथ हुई और इसके बाद विद्यार्थियों को दांतो की आम बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई, विशेषत: दांतो के सडने, गम रोगों और उसके बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को खाने पीने के पैटर्न और खाने के विकल्पों के बारे में भी बताया गया जोकि दांतो की बीमारियों के कारण होते है।डॉ शिफाली ने दांतो की बीमारियों के बारे में बोलते हुए हानिकारक एसिड के संभावित गठन के बारे में बताया जोकि मुँह में बैकटीरिया के शुगर के संपर्क में आने से होता है और दांतो के सडने का कारण बनता है। उन्होने आगे कहा कि ''सोफट ड्रिंक्स, कैंडीस, कुकीस, पैस्ट्री आदि में सामान्य तौर पर शुगर मौजूद होती है इसीलिए शुगर का प्रयोग पर कंट्रोल करने के लिए हमें फुड लेबल के बारे में पढना चाहिए और खाने पीने का वही सामान चुनना चाहिए जिसमें शुगर का स्त्तर कम हो। शिफाली ने आगे कहा कि दांतो की समस्याओं का मुख्य कारण आजकल का खान-पान है। अगर हम रेगुलरी डैंटिस्ट से दांतो का चैकअप करवाते है और खाने-पीने का ध्यान रखते है तो हम दांतो की समस्याओं से बच सकते है। परन्तु आज की व्यस्त जिंदगी के कारण हम अपने मुँह की देखभाल नही करते जिसके कारण हमारे दांतो की समस्याएं पैदा होती है। डॉ विजिता मेहता मौखिक देखभाल की प्रक्रिया और तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने सभी को ब्रशिंग की तकनीक के बारे में बताया। डॉ मेहता ने आगे कहा कि हमें दांतो की बेहतर देखभाल के लिए नाश्ते और रात्रि के भोजन के बाद दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए।