मध्य प्रदेश में मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने वाले '108 एंबुलेंस' वाहनों के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है। शुक्रवार को हड़ताल का तीसरा दिन है। कर्मचारी वेतन संबंधी मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। वहीं इन हालातों से निपटने के लिए सरकार ने वैकल्पिक इंतजाम किए हैं। मप्र 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले लगभग तीन हजार कर्मचारी बुधवार से टी बी अस्पताल के पास ईदगाह मैदान में हड़ताल पर हैं। संघ के मीडिया प्रभारी असलम खान ने आईएएनएस को बताया है कि उनसे आठ घंटे के बजाय 12 घंटे काम कराया जाता है और आठ घंटे का भी वेतन नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा, "एंबुलेंस कर्मियों को आठ घंटे के बदले 12 घंटे काम कराकर नौ से 11 हजार रुपये मासिक दिए जाते हैं, जबकि दूसरे राज्यांे के कर्मचारियों को 16 से 19 हजार रुपये दिए जाते हैं।"प्रदेश में जिकित्जा हेल्थ केयर कंपनी द्वारा 108 एंबुलेस सेवा का संचालन किया जाता है।हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्यांेकि गंभीर मरीज गांव और कस्बों से अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था की है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रदेश में संचालित 'दीनदयाल-108 एंबुलेंस' सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान आम जनता को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए एंबुलेंस वाहनों में स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। कुल 606 एंबुलेंस वाहनों में से लगभग 120 वाहन मरम्मत कार्य के लिए ऑफ रोड हैं। शेष 486 एंबुलेंस वाहनों में से 410 एंबुलेंस वाहन वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा चलाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इसके अतिरिक्त 32 जिलों में 108 'जननी एक्सप्रेस' वाहनों द्वारा भी आपातकालीन स्थिति में पीड़ितों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस महादिनेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने डायल 100 के वाहनों को भी पीड़ितों की मदद के निर्देश दिए हैं।