सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र से ऐसे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के पंजीकरण, वित्त पोषण, अनुपालन और ऑडिट को विनियमित करने के लिए एक वैधानिक तंत्र कायम करने पर विचार करने को कहा है, जिन्हें सरकार से अनुदान मिलता है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की सदस्यता वाली पीठ ने सरकार से कहा कि वह इस मामले में एक वैधानिक तंत्र विकसित करने पर विचार करे।यह कहते हुए कि इस मामले में वर्तमान दिशानिर्देश सही नहीं हैं, अदालत ने अपने आदेश में केंद्र को यह बताने को कहा कि वह वैधानिक तंत्र विकसित करेगी या वर्तमान दिशानिर्देश ही जारी रहेगा।शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को इस मामले में जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है।हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसका आदेश गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्रवाई समेत किसी वर्तमान कार्यवाही में बाधा नहीं बनेगा।अदालत का यह आदेश सरकार से मिले धन के खर्च को लेकर गैर सरकारी संगठनों को जवाबदेही के दायरे में लाने की मांग को लेकर दायर की गई एक जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में आया है।