कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज पिछले तीन वर्षो में दस करोड़ रूपये से अधिक की लागत से हुये सभी शहरी कार्यो का प्रसिद्ध कंपनियो से तीसरा पक्ष तकनीकी व वित्तीय आडिट करवाने का फैसला किया है ताकि कमियों की पहचान करके उचित कार्यवाही की जा सके।यह फैसला पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में स्थानीय सरकार विभाग की अध्यक्षता अधीन हुई बैठक दौरान लिया गया इस बैठक में स्थानीय सरकार मंत्री श्री नवजोत सिंह सिद्धू के अतिरिक्त सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा पीडब्लयू सी , डीलोट,ई एंड वाई, मैकिनज, केपीएमज जैसी प्रसिद्ध कंपनियों से प्रस्तावित आडिट करवाया जाएगा और आडिट का कार्य शुरू किये जाने के लिए तीस दिनो के अंदर पूरा किया जाएगा। आरपीएफ मई के पहले सप्ताह जारी किया जाएगा। इस बैठक में यह भी फैसला किया गया है कि भविष्य में सभी प्रमुख शहरी कार्यो का तीसरे पक्ष से आडिट करवाया जाएग जिसमें सामाजिक आडिट भी होगा। राज्य सरकार द्वारा किये जाने वाले सभी ऐसे कार्यो की निंरतर जांच और निगरानी करेगा।
सरकार ने विभाग में कुशलता, जवाबदेही और तेजी लाने के उदेश्य से उपलब्ध करवाई जाती प्रमुख जनतक सेवाओं को क्रमानुसार ई गवर्नैंस अधीन लाने का फैसला किया है ताकि लोगों को कम कीमत पर सेवा उपलब्ध करवाने और फैसलों के शीघ्र अमल को यकीनी बनाकर भरोसे की बहाली की जा सके। बैठक दौरान श्री सिद्धू ने कहा कि ई गवर्नैंस के साथ उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा सकती है क्योकि इससे लाइसैंस जारी करने और स्वीकृतियां देने में मानवीय दखल अंदाजी कम होगी।ई गवर्नैंस की प्रस्तावित योजनाअनुसार दो पड़ावों में नगर निगमों, नगर कौसिलों और नगर पंचायतों के लिए 67 सेवाएं और प्रंबधकीय कार्यो के लिए कम्पयूट्रीकरण किया जाएगा और नगर सुधार ट्रस्टो के लिए 22 व प्रशासनिक कार्यो और यूएलबी में शिकातयों से संबधित 21 सेवाओं का कम्पूयट्रीकरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सचिवालय और हैडक्वाटरज ने 46 प्रंबधकीय कार्यो और क्षेत्रीय स्तर पर डिप्टी डायरैक्टरों के कार्यालयों में 10 कार्यो का कम्पूयटीकरण होगा इससे नागरिकों के लिए तीस लाख सेंवाओं के आदान प्रदान की सुविधा होगी।
बैठक दौरान राज्य में सभी शहरी विकास मिशन कार्यक्रमों को मार्ग पर लाने औरगति तेज करने के लिए क ई सुधार लाने का फैसला किया गया। मुख्यमंत्री ने विभाग को ईमातरी उप नियम का प्रारूप तैयार करके नोटीफाई करने और गंदे पानी को पुन: प्रयोग के योग्य बनानेके लिए नीति तैयार करने के आदेश दिये विभाग को फीकल सलज मैनेजमैंट पर एक नीति बनाने और नोटीफाई करने के भी निर्देश दिये। विभाग मेे पारदर्शिता लाने के लिए एक अन्य अहम कदम उठाते हुये दोहरी एंटरी करनेकी प्रणालीको पूरी तरह अपनाने का फैसला किया गया जिससे लिये नये म्युनिसिपल खाते तैयार करके नोटीफाई किये जाएगें। मुख्यमंत्री ने अमुरत स्कीम अधीन राज्य के सभी 16 शहरों में म्यूनिसिपल काडर के स्वीकृत पदों में से कम से कम पचास प्रतिशत पद भरने के निर्देश दिये ।इससे पहले मुख्यमंत्री को अच्छे शासन के लिए एजेडा संबधी एक पेशकारी भी दी गई जिसमें विभाग के अधिकारियो को बताया कि नगरनिगमों द्वारा हिसाब किताब नही रखा गया। जिस के परिणाम के रूप में राजस्व और खर्चे के संदर्भ मे कोई जवाबदेही नही है।
बैठक दौरान विभाग को दरपेश समस्याओं से निपटने के लिए वित्तीय नियमबद्ध की जरूरत पर जोर देते हुये शहरी विकास की और ध्यान देने का नुकता भी विचारा गया क्योकि पिछले कुछ वर्षो दौरान शहरी आबादी में बड़ी बढोतरी हुई है। प्रवक्ता ने बताया कि शहरीविकास में शामिल विभिंन एंजेसियों के बीच बेहतर तालमेल रखने का भी फैसला किया गया।बैठक दौरान अमृतसर में 495.54 करोड़ रूपये के बीआरटीएस प्रोजैक्ट संबधी भी विचारविमर्श किया गया। जो अगस्त 2017 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा और श्री सिद्धू ने इसकी समीक्षा करने का सुझाव दिया। मंत्री ने बसों का किराया घटाने का सुझाव दिया ताकि परिवहन के अन्य साधनों को मुकाबले मे लाया जा सके और बीआरटीएस को योग्य बनाया जा सके।बैठक में आवारा कुत्तों का मामला भी विचार चर्चा के लिए सामने आया और मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को उचित मात्रा में हल्का विरोधी दवाये उपलब्ध करवाने के आदेश दिये ताकि आवारा कुत्तों के काटने से पीडि़त लोगों को समय पर उपचार उपलब्ध करवाया जा सके।