पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य की जेलों में आंतकवादी-गैंगस्टरों के बीच उभर रहे गठजोड़ को तोडऩे के लिये खुफिया विंग के अंतर्गत्त, आंतकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) को स्थापित करने के लिये स्वीकृति दे दी है।कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने आंतकवादियों एवं गैंगस्टरों के विरूद्ध पहले ही कड़ी कार्रवाई शुरू की हुई हैं और अब पंजाब कंट्रोल ऑफ और्गनाइज़ड क्रिमिनलज़ एक्ट (पी सी औ सी ए) जैस प्रभावी कानून बनाने संबंधी विचार कर रही है ताकि संगठित अपराधी गिरोहों द्वारा फैलाये गये आंतक से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। इसी प्रकार के बहुत से गिरोह राज्य में गत् 5-7 वर्ष से सक्रिय रहे हैं जिनकों जबरदस्त राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त था।मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने आज इस संबंधी जानकारी देते हुये कहा कि आंतकवादी संगठनों और अपराधी गिरोहों विरूद्ध कार्रवाई करने के लिये एटीएस जरूरी है। प्रवक्ता अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा की गई अपील के बाद केंद्रीय गृह मंत्री भी जिन उच्च सुरक्षा वाली/नाजुक जेलों में खूंखार आंतवादी और गैंगस्टर बंद हैं उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिये पंजाब से दो आई आर बी कं पनियों के बदले दो सी आई एस एफ कंपनियां मुहैया करवाने के लिये सहमत हो गये हैं। यह अतिरिक्त कंपनियां कम से 6 महीने के लिये जेलों में रहेंगी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ गत् सप्ताह हुई बैठक के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंतकवादियों और गैंगस्टरों में बढ़ रहे गठजोड़ पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अधीक्षकों/वार्डनों सहित जेल स्टॉफ को ऐसे तत्वों द्वारा लगातार धमकियां मिल रही हैं। इस गठजोड़ ने नाभा जेल तोडऩे जैसी घटनाओं को अमल में लाये हैं। मुख्यमंत्री ने इन स्थितियों के मद्देनज़र गृह मंत्री को सुरक्षित बनाने के लिये अपना दखल देने की अपील की थी।प्रवक्ता अनुसार राज्य सरकार ने चोटी के अपराधी गिरोंहों के सदस्यों को लाने -लेजाने के चक्र से बचने के लिये न्यायपालिका को मुकद्दमा चलाने वाली अदालतों को नोटीफाई करने की विनती की क्योंकि गिरोहों के यह सदस्य अंतर-गिरोह झंगड़ों और दुशमनियों के कारण एक दूसरे को निशाना बना रहें हैं।ुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों अधीन राज्यभर में आंतकवादियों और गैंगस्टरों विरूद्ध आरंभ की तीखी मुहिम की विस्तृत जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा 16 मार्च को कार्यभार संभालने के बाद अबतक 16 खूंखार गैंगस्टर गिरफतार किये जा चुके हैं जिनमें से एक नाभा जेल तोडक़र भागा था और इनमें एक गैंगस्टर वह भी शामिल है जिसने यह जेल तोडऩे में सक्रिय भूमिका निभाई थी। प्रवक्ता अनुसार नाभा जेल में से फरार होने वाले 6 आरोपियों में से चार गिरफतार किये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 14 हमलावरों में से 7 पुलिस क ी गिरफत में आ गये हैं। इनमें से 11 पनाह देने वाले/साजिश रचने वाले/ सुविधा मुहैया करवाने वाले हैं।
प्रवक्ता अनुसार पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान दो आंतकवादी ईकाईयों के चार आंतकवादी भी गिरफतार किये गये हैं।प्रवक्ता अनुसार मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी अपराधी गिरोहों पर तीखा हमला करने के लिये राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों को कठोर हिदायतें की हैं। 15 मार्च, 2017 तक राज्य में 22 संगठित अपराधी गिरोह सक्रिय रहे थे जिनके 240 गैंग सदस्य थे इनमें से 137 राज्य की विभिन्न जेलों में बंद हैं। सरकारी आंकड़ों अनुसार श्रेणी ‘ए’ के 12 गैंगस्टर और ‘बी’ के 10 गैंगस्टर अभी भी भगौड़े हैं।प्रवक्ता अनुसार इन अपराधी गिरोहों में से अधिकतर को सियासी नेताओं का संरक्षण हासिल था और यह अंतरगिरोह हत्यांए, पैसे लेकर हत्या करने, रियल एस्टेट डिवेल्परों, नशा तस्करों/व्यापारियों, सट्टेबाजों/हवाला डीलर/शराब के ठेकेदारों/गीतकारों आदि से पैसा लूटने, जमीनों पर कब्जे करने, फिरोती के लिये अगवाह करने और नशे /हथियारों की तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल हैं।प्रवक्ता अनुसार प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली शिअद-भाजपा सरकार गत् एक दशक दौरान जेलों में कोई भी भर्ती करने में असफल रही हैं। निचले स्तर पर लगभग 50 प्रतिशत पद खाली हैं।प्रवक्ता अनुसार प्रौद्योगिकी का स्तर भी उंचा नही उठाया गया जो जेलों पर नियंत्रण ना होने का भी कारण बना। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार जेल विभाग में वार्डनों तथा मैटरनों की भर्ती की प्रक्रिया को तेज कर रही है।