पंजाब सरकार द्वारा राज्य में लिंग अनुपात दर में सुधार लाने के लिये पी सी एंड पी एन डी टी एक्ट (प्री-कंसेप्शन एंड प्री नेटल डाइग्रोस्टिक टेस्ट एकट) को कठोरता से लागू करने के लिये विशेष नीति बनाई गई है जिस अधीन जन्म से पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षण विरूद्ध अभियान चलाकर बाल कन्याओं की सुरक्षा को यकीनी बनाया जायेगा।इस संबंधी और जानकारी देते हुये स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रहम महिंदरा ने बताया कि पंजाब सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम जनवरी, 2017 अनुसार लिंग अनुपात दर 1000 लड़कों के पीछे 891 लड़कियां है जोकि बहुत ही चिंताजनक आंकड़ा है जिस लिये पंजाब सरकार ने राज्य में लिंग अनुपात के बड़े अंतर का गंभीर नोटिस लेते हुये पी सी एंड पी एन डी टी एक्ट को कठोरता से लागू करने के आदेश जारी किये हैं।
इन आदेशों अनुसार अल्ट्रासाउंड केंद्रों को 24 घंटे के लिये ऑनलाइन करके राज्य और जिला स्तर पर निगरानी रखी जायेगी और इन केंद्रों में कार्य करने वाले डाक्टरों से लेकर सभी कर्मचारियों की पुलिस वैरीफिकेशन होना अनिवार्य होगी ताकि शिकायत दर्ज होने पर संबंधित सकैनिंग केंद्रों का गत् और मौजूदा रिकार्ड हासिल करके डाक्टरों और कर्मचारियों संबंधी जांच समयबद्ध ढंग से संपूर्ण की जा सके। महिंदरा ने बताया कि स्वास्थय विभाग द्वारा जन्म से पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षण और भ्रूण हत्या की सूचना देने पर 1 लाख रुपये का ईनाम रखा गया है पर यह देखने में आया है कि ईनामी राशि बड़ी होने के बावजूद भी स्वास्थय विभाग को पी सी एंड पी एन डी टी एक्ट तहत शिकायतें नही मिल रही जो इस तथ्य की तरफ संकेत करता है कि गत् लंबे समय से पी सी एंड पी एन डी टी एक्ट को नियमों अनुसार लागू करने में लापरवाही इस्तेमाल की गई है और अनियमितताएं करने वाले अल्टासाउंड केंद्रों पर होने वाली कानूनी कार्रवाई केवल ना मात्र ही की गई जिस स्वरूप आज हमें गंभीर परिणाम देखने को मिल रहें हैं। स्वास्थय मंत्री ने बताया कि लिंग निर्धारण टेस्ट और भ्रूण हत्या वाले मामले में किसी प्रकार की ढील को साजिश का हिस्सा माना जायेगा और ऐसे केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही इस्तेमाल करने वाले आरोपियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्तर का अधिकारी या व्यक्ति पी सी एंड पी एन डी टी एक्ट की उल्लंघना करता पकड़ा जाता है तो आरोपी को छोड़ा नही जायेगा। श्री महिंदरा ने आगे बताया कि पंजाब सरकार ने पुलिस को भी हिदायत की है कि लिंग निर्धारण जांच के अवसर पर कानून की उल्लंघना करने वाले केंद्रों की पहचान करने के लिये छापेमारी में हर स्तर पर स्वास्थय विभाग को पूरा सहयोग दिया जाय। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बाल कन्या की सुरक्षा के लिये पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है और जन्म से पहले जांच करने की गैर कानूनी गतिविधियेां में शामिल केंद्रों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई यकीनी तौर पर करेगी। स्वास्थय विभाग में लंबे समय से होने वाी अनियमतताओं को राज्य स्तर से लेकर भूमि स्तर तक सुधार कर पारदर्शिता लाई जायेगी और स्वास्थय सेवाओं को ग्रामीण स्तर पर जरूरतमंदों तक यकीनी पहुंचाया जायेगा।