छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लगभग 20 हजार युवाओं को कौशल विकास से जोड़कर विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यह बात रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद (गवर्निग काउंसिल) की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में स्वच्छता का कवरेज बढ़कर 84 प्रतिशत हो गया है और 2 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ खुले में शौच से मुक्त राज्य बन जाएगा। डॉ. सिंह ने बैठक में बताया कि नीति आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार स्पष्ट विजन, रणनीति और कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ अपने संसाधनों से इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने की कार्ययोजना पर तेजी से अमल कर रहा है। प्रधानमंत्री से समय-समय पर मिलने वाली प्रेरणा और मार्गदर्शन से छत्तीसगढ़ में हमने कई नवाचार किए हैं, जिनके अच्छे परिणाम मिल रहे हंै।
डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जिसने कानून बनाकर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण का अधिकार दिया है। राज्य में कौशल उन्नयन के कार्यक्रम को एक अलग स्तर पर ले जाकर सभी जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज की स्थापना की है। कौशल विकास की अनिवार्यता को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने स्वयं के बजट से लगभग 400 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष व्यय कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि सेक्टर स्किल कांउसिल के द्वारा प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन कर्ताओं के प्रशिक्षण की गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था की जानी चाहिए। डिजिटल इंडिया अभियान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "छत्तीसगढ़ में हमने 16 लाख लोगों की डिजिटल आर्मी बनाई है जो डिजिटलीकरण और कैशलेस भुगतान के प्रति लोगों को जागरूक करती है।"
उन्होंने बताया कि किसानों को 10 लाख रुपये से अधिक के सीसी कार्ड बांटे गए हैं तथा 10 हजार मर्चेट का भीम, आधार पे, यूपीआई आधारित डिजिटल प्रणाली पर आन बोर्डिग किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में स्काई योजना के तहत 1700 टावर्स स्थापित किए जा रहे हैं एवं 45 लाख लोगों को स्मार्ट फोन वितरित करने की योजना है। उन्होंने कहा, "बस्तर नेट प्रोजेक्ट के तहत संभाग के 7 जिलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लिए हम 900 किलोमीटर का ओएफसी नेटवर्क बिछा रहे हैं।"मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया की ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मोबाइल एवं इंटरनेट बैंकिग की अनुमति आरबीआई द्वारा दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के अपर मुख्य सचिव एन. बैजेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।