रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को छत्तीसगढ़ में विभिन्न रेल परियोजनाओं के विकास और विस्तार में केंद्र की ओर से भरपूर सहयोग का भरोसा दिया है। प्रभु ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में डॉ. रमन सिंह और प्रदेश सरकार तथा रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक में राज्य के लिए स्वीकृत और निमार्णाधीन परियोजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह यहां अपने निवास में प्रभु का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा, "केंद्र और राज्य दोनों मिलकर छत्तीसगढ़ की प्रस्तावित और निर्माणाधीन रेल परियोजनाओं को वर्ष 2022 तक पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करेंगे, ताकि वर्ष 2022 में जब हमारा देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा, उस समय हम लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और देश को इन परियोजनाओं की सौगात दे सकें।"
डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विगत 160 वर्ष में केवल लगभग 1280 किलोमीटर तक रेलमार्गों का निर्माण हुआ, जबकि राज्य सरकार ने केंद्र के सहयोग से अगले 10 वर्ष में 1380 किलोमीटर नए रेल नेटवर्क के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में रेलमंत्री को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कई प्रस्ताव दिए, जिनमें राजनांदगांव शहर के बीच स्थित रेलवे गुड्स शेड को अन्यत्र शिफ्ट करने का प्रस्ताव भी शामिल है। प्रभु ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष मित्तल को इसके लिए मुख्य सचिव के साथ मिलकर उपयुक्त स्थल चिन्हांकित करने के निर्देश दिए। बैठक में दल्ली-राजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेलमार्ग निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई।
रेलमंत्री को बताया गया कि प्रथम चरण में दल्ली-रावघाट 95 किलोमीटर के निर्माण कार्यो में से 17 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो गया है, जिस पर पैंसेजर ट्रेन शुरू की जा चुकी है। इसके बाद 18 से 42 किलोमीटर तक के हिस्से में 55 प्रतिशत निर्माण पूरा हो गया है। यह मार्ग दिसंबर 2017 में भानुप्रतापपुर तक और मार्च 2018 में केवटी तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निर्माणाधीन रेलवे लाइन के 43 से 76 किलोमीटर का हिस्सा मई 2019 तक 76 से 95 किलोमीटर तक हिस्सा वर्ष 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। बैठक में रायपुर से झारसुगड़ा तक बलौदाबाजार होते हुए स्वीकृत रेलमार्ग के बारे में भी चर्चा की गई, जिसे वर्ष 2016-17 के बजट में शामिल किया जा चुका है।
राज्य सरकार ने इसे खरसिया से रायपुर, दुर्ग होकर बलौदाबाजार के रास्ते झारसुगड़ा होते हुए सम्बलपुर तक जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह वर्ष 2013-14 के रेल बजट में शामिल अम्बिकापुर-बरवाडीह (182 किलोमीटर) रेल लाइन के प्रस्ताव पर भी बैठक में चर्चा की गई और डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-मुंगेली-कोटा-कटघोरा (270 किलोमीटर) रेल लाइन के प्रस्ताव पर भी रेलमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रभु से कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे लाइनों के किनारे और रेलवे की खाली पड़ी भूमि पर सघन पौधरोपण के लिए राज्य सरकार मनरेगा, जिला खनिज विकास निधि (डीएमएफ) और कैम्पा के मदों से सहयोग के लिए तैयार है।