विद्यार्थियों के समय व पैसे को बचाने के उद्धेश्य व वातावरण पक्षीय अह्म फैसला लेते शिक्षा विभाग ने राज्य के समूह स्कूलों में बुक बैंक बनाने का फैसला किया है जिस तहत विद्यार्थियों से उनकी पुरानी पुस्तकें जमा करवाकर दूसरे विद्यार्थियों को नि:शुल्क दी जाएगी। यह खुलासा शिक्षा मंत्री श्रीमती अरूणा चौधरी ने आज यहां जारी प्रैस बयान द्वारा किया। इस संबंधी विभाग द्वारा समसूह स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं।श्रीमती चौधरी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष विद्यार्थियों को नई पुस्तकें खरीदनी पड़ती हैं जिसके लिए नई पुस्तकों को प्रकाशित करने के लिए बड़ी संख्या में जहां कागज़ का इस्तेमाल होता है वहीं किताबों के प्रकाशन में समय लगने के कारण विद्यार्थियों का शैक्षणिक समय खराब होता है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष नई पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस सब को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बुक बैंक स्थापित करने का विलक्षण पहल आरंभ की है।शिक्षा मंत्री श्रीमती चौधरी ने कहा कि बुक बैंक की स्थापना स्वै:इच्छा के साथ की जा रही है, इसलिए कोई किसी विद्यार्थी को बंदश़ नरहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बुक बैंक में योगदान डालने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए कोई प्रोत्साहन अवश्य दिया जा सकता है जिस संबंधी विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि बुक बैंक की पुस्तकों संबंधित स्कूल के विद्यार्थी नि:शुल्क हासिल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग के इस फैसले उपरांत कई गैर सरकारी संगठन जो अपने स्तर पर बुक बैंक चला रहे थे, ने भी सहयोग देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि विभाग की इस पहल के साथ वातावरण बचाने में भी अह्म योगदान रहेगा क्योंकि प्रत्येक वर्ष नई पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रयोग किए जाने वाले कागज़ का इस्तेमाल घट जाएगा।