पंजाब कांग्रेस ने कनेडियन रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन के पक्ष में खड़े हो रहे तत्वों की निंदा करते हुए, स्पष्ट किया है कि इनके इंडो-कनाडियन खालिस्तानियों के समर्थक होने संबंधी कई पुख्ता एवं विस्तृत दस्तावेजी सबूत हैं।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं एवं सांसदों रवनीत बिट्टू व गुरजीत ओजला ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की आलोचना करने वाले लोग भारत-विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं, जो देश का धर्म निरपेक्ष ढांचा बर्बाद करना चाहते हैं।उन्होंने सभी संगठनों, जिनमें राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं, से ऐसे गंभीर मुद्दों पर छोटी राजनीति से बचने की अपील की है, जिनका पंजाब व इसके लोगों के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने खुलासा किया कि सोमवार शाम को अपने विवादित भारत दौरे की शुरूआत करने वाले सज्जन के खालिस्तानी समर्थक होने की पुष्टि उनकी अपनी लिबरल पार्टी के कई नेताओं द्वारा सज्जन को लिबरल का उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ रोष जताते हुए, पार्टी को छोड़कर कर दी गई थी।
इस क्रम में, सज्जन का खालिस्तानी रुख भारत सरकार को पसंद नहीं आया था, जब लिबरल उम्मीदवार ने 2011 में सुर्रे टैंपल रिमैंबरेंस डे के अवसर पर अपने साथियों को खालिस्तानी शहीदों के पोस्टरों के निकट फोटो नहीं खींचने देने के आदेश दिए थे। यहां तक कि इस मौके पर ओटावा को भारत से माफी मांगने को मजबूर होना पड़ा था। जिस पर, प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने खुलासा किया कि सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक कुछ पंजाबी-कनेडियनों द्वारा धार्मिक कट्टरवादियों की ओर से कनेडियन सिपाहियों के बलिदान के सम्मान में मनाए जाते इस महान दिन पर कब्जा कर लेने संबंधी शिकायतों के चलते यह माफी मांगी गई थी।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इन सबूतों और कई अन्य दस्तावेजी तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए, भारत के राजनीतिक एवं धार्मिक संगठन सज्जन व उनके जैसे अन्य खालिस्तानी समर्थकों को अपना समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि लंबे दौर में इससे भारत व खासकर पंजाब के हितों को बहुत ज्यादा नुक्सान पहुंचेगा।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि कई धार्मिक एवं राजनीतिक नेताओं द्वारा कैप्टन अमरेन्द्र के भारत दौरे में सज्जन से मिलने से इंकार करने को एक साजिश बताकर, इसकी निंदा करने संबंधी दिए बयान चिंता का विषय हैं, जिन्होंने सज्जन के इतिहास को जांचने की जरूरत न समझे बगैर अनावश्यक आलोचना की है।इस दिशा में, घटिया स्तर पर उतरते हुए, इनके द्वारा कैप्टन अमरेन्द्र के सैद्धान्तिक पक्ष को नकारना साबित करता है कि इन नेताओं को मुद्दे की गंभीरता के प्रति चिंता नहीं है और ये सिर्फ अपने विशेष हितों को प्रोत्साहित करने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि भारत में बैठे कुछ तत्व उन कठोर सच्चाइयों को नजरअंदाज कर रहे हैं कि जिन पर खुद कनाडा ने गंभीर नोटिस लिया था।कांग्रेसी नेताओं ने जोर देते हुए कहा कि बीते वक्त में आतंकवाद के चलते भारी नुक्सान झेलने के बाद, पंजाब अपना जहरीला फन उठाने के लिए छोटे से अवसर का इंतजार कर रहीं खालिस्तानी ताकतों के दोबारा उठ खडऩे संबंधी प्रबल आशंकाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान पंजाब ऐसी कई घटनाओं का गवाह बना था, जो लोगों के भीतर डर पैदा करती हैं। इस दिशा में, उन्होंने आप नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा एक पूर्व के.सी.एफ कमांडो के घर पर रुकने व मौड़ बम धमाके की घटना का जिक्र किया है।