विद्याॢथयों की मानसिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए, माउंट आबू से डॉ सविता और उनकी टीम ने आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेजिस, चण्डीगढ के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की और बी.टैक, एमबीए, बीबीए, बीसीए, बी.कॉम, एलएल.बी, बीए-एलएल.बी, जीएनएम, एएनएम, बी.एससी (एग्री), बीए, डिप्लोमा आदि के विद्यार्थियों के लिए ''मूल्य और नैतिक शिक्षा, ''एकाग्रता कैसे बढाए, ''डिप्रेशन को कम करें, स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि विषयों पर आधारित इंटरैक्टिव सेश्न में अपने विचार सांझे किए।माउंट आबू से ब्रहम कुमारीस की चीफ, डॉ सविता ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए किसी व्यक्ति के जीवन में मूल्य और नैतिक शिक्षा की आवश्यकता और महत्व पर जोर दिया। उन्होने कहा कि आज के व्यस्त जीवन और अराजक दुनिया में हर कोई एक या अन्य तरीकों से संतुष्टि की भावना और संतुष्टि की खोज करता है।डॉ सविता ने आगे कहा कि शिक्षा के चार स्तंभों को पहचान लिया गया है जैसे कि लॢनग टू नो, लॢनग टू डू, लॢनग टू बी और लॢनग टू लिव टूगेदर। पहले स्तंभ को बौद्धिक क्षमता की आवश्यकता होती है, दूसरे स्तंभ कौशलों के अधिग्रहण की मांग करता है और तीसरा और चौथा स्तंभ मूल्यों और आत्मीयता की प्राप्ति की आवश्यकता है।
मैडम चंचल जटाना और डॉ रमा, इंचार्ज राजपुरा ने बोलते हुए कहा कि हम अपने जीवन में दो तरह के लोग देखते है, एक वो जो अच्छे पथ का अनुसरण करते है और दूसरे जो अन्य आपराधिक गतिविधियों में भाग लेते है। दुर्भाग्य से दूसरी श्रेणी के लोगों की सूची लम्बी है इसलिए हमें हमारी शक्तियों को पहचानकर इन लोगों को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करनी चाहिए। विद्यार्थियों को आत्म विश्वास को बढाने, स्ट्रेस मैनेजमेंट, एकाग्रता को बढाने और मजबूत बनाने, तनाव आदि को कम करने के लिए अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में विभिन्न युक्तियों और विधियों को अपनाने के लिए भी कहा गया।वक्ताओं ने अध्यात्मिक ज्ञान, ध्यान और सार्वभौमिक मूल्यों के माध्यम से स्वयं और समाज में शान्ति, स्वास्थ्य, सद्भाव और खुशी को बढावा देने के लिए विद्यार्थियों और अध्यापकों से आग्रह किया।आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेजिस के रजिस्टरार, प्रोफैसर बी एस सिद्धू ने धन्यवाद देते हुए आज की व्यस्त दुनिया में ध्यान और ममत्व के लाभों के बारे में शिक्षा की आवश्यकता, हम सभी के लिए उचित आहार और सकारात्मक मानसिक स्वास्थय के माध्यम से स्वस्थ जीवन को बढावा देने के लिए कहा।