राज्य में वीआईपी कल्चर को खत्म करने की ओर एक अन्य कदम उठाते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमेरन्द्र सिंह ने नींव व उदघाटनी शिलांयसों पर मंत्रियों व विधायकों सहित किसी भी सरकारी पदाधिकारी का नाम लिखने पर रोक लगा दी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वयं को भी इन आदेशों के घेरे से बाहर नही रखा जिसका उदेश्य वीआईपी कल्चर क रूकावट को हटाकर सरकार व लोगों के बीच मजबूत संपर्क कायम करना है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने घोषणा की कि सभी प्रोजैक्टों व कार्यक्रमों जिनमें मुख्यमंत्री , केबिनेट मंत्रियों, विधायकों व अन्य पदाधिकारियों द्वारा उदघाटन कर दिये गये है को अब से पंजाब वासियों को समर्पित कर दिये जाएगें।प्रवक्ता ने कहा कि चाहे सरकारी पदाधिकारियों और लीडरो पर किसी ईमारत या प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखने या उदघाटन करने पर कोई रोक नही है पंरतु मुख्यमंत्री के आदेशों के संदर्भ में ऐसे पत्थरों पर लीडरों का नाम लिखने की प्रथा को तुंरत प्रभाव से खत्म किया जा रहा है।प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केबिनेट मंत्रियों और पार्टी के साथियों को लोगों से मिलने के मौके पर नम्रता रखने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज इस रूतबे पर केवल राज्य के लोगों की बदौलत ही है जिस कारण लोगों के साथ हमेशा ही पूरे मान सम्मान और नम्रता से पेश आना हमारा कर्तव्य बनता है।सरकार बनने के शीघ्र बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के चुनाव मनोरथ पत्र पर पेहरा देते हुये वाहनों से लाल बत्ती हटाकर वीपीआई कल्चर के खात्मे के लिए अपनी वचनबद्धता का सबूत दिया था चुनाव मनोरथ पत्र में मुख्यमंत्री व मंत्रियों को छूट दी होने के वाबजूद मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री के फैसले की पालना की है।मुख्यमंत्री वीआईपी कल्चर का त्याग करने के लिए अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुये मुम्बई में व्यापारिक दौरे के लिए जाने के मौके पर चंडीगढ़ हवाई अडडे पर विशेष स्थान हासिल करने की बजाये लाईन में खड़े होकर सभी रस्में पूरी की।पंजाब मंत्रीमंडल ने अपनी पहली बैठक में ही लाल बत्ती हटाने सहित अन्य कई फैसले स्वीकृत करके वीआईपी कल्चर के खात्मे की शुरूवात कर दी थी क्योकि कांग्रेस के चुनाव मनोरथ पत्र में यह मुख्य वायदा था।प्रवक्ता ने बताया कि कंाग्रेस सरकार अपनी पार्टी के चुनाव मनोरथ पत्र में एक एक वायदे को निश्चित समय में पूरा करने के लिए पूर्ण रूप से वचनबद्ध है।