स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रहम महिन्द्रा द्वारा आज एक आदेश जारी करते हुये सिविल सर्जनों को समूह नशा छुडाऊ व पुर्नावास केन्द्रां की जांच करने के आदेश दिये है। जिसके अधीन इन केन्द्रो की कारगुजारी व कमियों का निरीक्षण किया जाएगा। जांच के पश्चात सिविल सर्जनों को इन केन्द्रों का सुचारू ढंग से चलाने में हो रही अनियमितताओं और इनको दूर करने संबधी सुझावों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेश भी दिये गये है।यहां एक बयान जारी करते हुये श्री ब्रहम महिन्द्रा ने कहा कि पंजाब सरकार का मुख्य उदेश्य राज्य से हर प्रकार के नशे को जड़ से खत्म करना है उन्होने कहा कि सिविल सर्जन नशों विरूद्ध चलाये अभियान की अध्यक्षता और सभी नशा छुडाऊ व पुर्नावास केन्द्रों की चैकिंग निजी रूप से करेगें। उन्होने कहा कि यदि किसी केन्द्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित किये गये नियम और मापदंडो संबंधी बेनियमी पाई जाती है तो संबधित मैनेजमैंट को बख्शा नही जाएगा।
ब्रहम महिन्द्रा ने पिछली अकाली भाजपा सरकार पर दोष लगाते हुये कहा कि इनके द्वारा राज्य को नशा मुक्त करने के लिए बयान बाजी के अतिरिक्त कुछ भी नही किया गया। उन्होने कहा कि पिछली अकाली भाजपा सरकार ने नशों को रोकने के लिए केवल बयानबाजी ही की है जबकि वास्तविक सच्चाई यह है कि पिछली सरकार के कई नेता नशों को बेचने के आरोपो तहत अदालतों का सामना कर रहे है। उन्होने यह भी कहा कि नशों से सरोकार होने के कारण ही इन नेताओं ने इन नशा छुडाऊ केन्द्रों को निर्धारित नियमों अनुसार चलाने में कोई रूचि नही दिखाई।स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पद संभालने के बाद उनके द्वारा प्रतिदिन नशा छुडाऊ केन्द्रों की कारगुजारी की निगरानी की जा रही है। इस दौरान केन्द्रों संबधी कई गंभीर अनियमितताओं को उनके ध्यान में लाया गया है। उन्होने कहा कि प्रारभिंक रिपोर्टो का नोटिस लेते हुये अब सिविल सर्जनों को यह निर्देश दिये गये है कि वह स्वयं इन नशा छुडाऊ केन्द्रों में जाकर प्रंबधो और इनकी कारगुजारी की जांच करें।श्री महिन्द्रा ने बताया कि आज नशे का राज्य से जड़ से खत्म करने के लिए हर वर्ग को संयुक्त होकर इस नशा विरोधी मुहिम में योगदान डालना चाहिए। उन्होने समूह समाज कल्याण संगठनों और गेर सरकारी संस्थाओं को भी अपील की कि वह इस मुहिम में हिस्सा लेने के लिए आगे आये।