बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सन 1971 के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में शहीद होने वाले भारतीय जवानों को शनिवार को श्रद्धांजलि दी। मुक्ति संघर्ष में विजय के बाद बांग्लादेश की स्थापना हुई थी। भारत दौरे पर आईं प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि वह भारत के लोगों व सरकार की आभारी हैं, जिनके योगदान से उनका मुल्क आजाद हुआ। शेख हसीना ने यहां मानेकशॉ सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में योगदान के लिए मैं भारतीयों तथा भारत सरकार के प्रति आभार जताती हूं। कई भारतीय जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दी..हम उन्हें हमेशा आभार के साथ याद करेंगे।"मानेकशॉ सेंटर का नाम एस.एच.एफ.जे.मानेकशॉ के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सन् 1971 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।
शेख हसीना ने लांस नायक अल्बर्ट एक्का (परमवीर चक्र), मेजर अनूप सिंह गहलोत (महावीर चक्र), सूबेदार मल्कियत सिंह (महावीर चक्र), सिपाही अनुसूया प्रसाद (महावीर चक्र), लेफ्टिनेंट समीर दास, स्क्वॉड्रन लीडर ए.बी.सामंत तथा लांस नायक मोहिनी रंजन चक्रवर्ती के परिजनों को सम्मानित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मौका पाकिस्तानी सेना तथा उसके सहयोगी नागरिक सेना द्वारा हजारों लोगों की बांग्लादेश में हत्या को याद करने का भी है।मोदी ने कहा, "यह मौका बांग्लादेश पर भीषण हमले को याद करने का भी है, जिसमें हजारों जानें गईं। इस भावनात्मक पहल के लिए मैं बांग्लादेश का आभार प्रकट करता हूं।"उन्होंने यह भी कहा कि उनके सहित एक पूरी पीढ़ी बांग्लादेश के संस्थापक 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर्रहमान के जीवन से प्रभावित है।शेख हसीना ने कार्यक्रम स्थल पर युद्ध पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया, जहां उन्होंने सन् 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके युद्धवीरों से मुलाकात की। इस युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश बना था।