कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को 'अनूठा प्रयोग' करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस परिषद की मदद के लिए पेशेवरों की एक इकाई गठित करने की जरूरत है, जो इस परिषद के सचिवालय के रूप में काम कर सकता है। राज्यसभा में जीएसटी पर चर्चा के दौरान जयराम रमेश ने कहा, "संविधान में संशोधन कर गठित की गई जीएसटी परिषद एक अनूठा प्रयोग है, जिसमें राज्य और केंद्र सरकारों दोनों का हस्तक्षेप है।"रमेश ने इस बात पर घोर हैरानी जताई कि देश में जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए पर्याप्त समय है।उन्होंने कहा, "कुशलता से काम करने के लिए जीएसटी परिषद को एक पूर्णकालिक, स्वतंत्र, पेशेवरों की जरूरत होगी, तथा इसे न तो वित्त मंत्रालय और न ही राज्य सरकारों पर निर्भर रहना होगा।"
जयराम रमेश ने कहा, "वित्त मंत्री से मेरा गंभीर निवेदन है कि पेशेवरों की एक स्वतंत्र इकाई का गठन किया जाए, जो जीएसटी परिषद के सचिवालय के तौर पर काम करे। इस इकाई में देश के राजस्व सेवा के अधिकारियों, अर्थशास्त्रियों, वकीलों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को शामिल किया जाए।"न्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस इकाई का केंद्र और राज्य सरकारों से नजदीकी संबंध हो।उन्होंने कहा, "ठीक उसी तरह जैसे आपने सूचना प्रौद्योगिकी के प्रबंधन के लिए एक इकाई का गठन किया है, ठीक उसी तरह मेरे खयाल से जीएसटी विधेयक को लागू करने के लिए आर्थिक, वित्तीय एवं कानूनी मदद हेतु एक इकाई गठित की जानी चाहिए। अन्यथा यह परिषद सिर्फ केंद्र सरकार की अनुषंगी संस्था बनकर रह जाएगी, जिसमें कानून और वित्त के जानकार चंद वित्त मंत्रियों का हस्तक्षेप होगा।"