संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के वित्तीय सहयोग में कटौती का दुनिया भर में कमजोर महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के विदेश विभाग ने घोषणा की है कि वह वित्त वर्ष 2017 के लिए यूएनएफपीए की फंडिंग पर कैंची चलाते हुए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को दी जाने वाली राशि में 3.25 करोड़ डॉलर की कटौती कर रहा है।संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, "संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के वित्तीय सहयोग में कटौती के अमेरिका के फैसले पर महासचिव ने गहरा खेद जताया है।"अमेरिकी सीनेट तथा फॉरेन रिलेशंस कमेटी के अध्यक्ष बॉब क्रोकर को लिखे एक पत्र में विदेश विभाग ने कहा कि उसने फंड देने से इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि यूएनएफपीए चीन में बलपूर्वक गर्भपात तथा जबरन नसबंदी का समर्थन करता है या इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लेता है।
यूएनएफपीए ने इस बात को सिरे से गलत बताया है।यूएनएफपीए संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, जो जनन स्वास्थ्य में सुधार के लिए काम करती है। यह खुद को संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख एजेंसी बताती है, जो एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए काम करती है, जहां हर गर्भधारण इच्छा से हो, प्रत्येक बच्चे का जन्म सुरक्षित हो तथा हर युवा क्षमताओं से परिपूर्ण हो।एजेंसी 150 से अधिक देशों व क्षेत्रों में काम करती है, जहां दुनिया की 80 फीसदी आबादी रहती है। साल 2016 में एजेंसी ने 2,340 महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मौत के मुंह में जाने से बचाया और 30 लाख दंपतियों को अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिलाया।