सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी.एस.कर्णन को उनके खिलाफ जारी किए गए अवमानना नोटिस पर जवाब देने को कहा है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की सात सदस्यीय अध्यक्षता वलाी खंडपीठ ने कर्णन को जनवरी में जारी किए गए नोटिस पर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।सुनवाई के दौरान केहर ने कर्णन से पूछा क्या वह उनके द्वारा 20 न्यायाधीशों पर लगाए गए आरोपों को वापस लेने चाहते हैं या उस पर विचार करने चाहते हैं या फिर बिना किसी शर्त के माफी मांगना चाहते हैं।जैसे ही कर्णन अदालत के समक्ष पेश हुए खंडपीठ ने कर्णन को बताया, "हम आपसे बार-बार पूछ रहे हैं। क्या आप अपने पक्ष पर अडिग हैं या इसके बारे में सोचना चाहते हैं। हम आपको समय देंगे।"
जब अदालत ने कर्णन से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा तो कर्णन ने कहा कि उनके न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य को बहाल किया जाना चाहिए, वह केवल तभी अवमानना नोटिस पर जवाब देने की स्थिति में होंगे।खंडपीठ ने कर्णन के कामकाज को बहाल करने की उनकी याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कर्णन ने कहा कि अदालत उनके बयान को रिकॉर्ड कर सकती है क्योंकि वह अगली सुनवाई में पेश नहीं होंगे। उन्हें अभी दंडित कर जेल भेजा जा सकता है। कर्णन ने कहा कि वह अवमानना नोटिस का जवाब देने की स्थिति में नहीं था। इस पर खंडपीठ ने कहा, "यदि आपको लगता है कि आप जवाब देने की मानसिक स्थिति में नहीं है तो आप चिकित्सीय प्रमाणपत्र दे सकते हैं।"