अभिनेता सह राजनीतिज्ञ पवन कल्याण ने गुरुवार को छह हजार करोड़ रुपये के एग्रीगोल्ड घोटाले के पीड़ितों से मुलाकात की और सरकार से उन्हें न्याय दिलाने का अनुरोध किया। जन सेना के अध्यक्ष यहां विभिन्न राज्यों से ताल्लुक रखने वाले पीड़ितों के साथ बैठक के दौैरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चूंकि कंपनी के पास निवेशकों से वसूले गए धन से ज्यादा की संपत्ति है, इसलिए सरकार को धन वसूलने के लिए कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।एग्रीगोल्ड का मुद्दा पवन द्वारा उठाए गए मुद्दों में नवीनतम है, जिन्होंने पहले ही घोषणा कर रखी है कि वह साल 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।उन्होंने कहा कि जांच में पारदर्शिता की कमी है और वह पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने में हो रहे विलंब के बारे में समझ नहीं पा रहे हैं, क्योंकि कंपनी के मालिकों के पास 20,000 एकड़ जमीन तथा अन्य संपत्तियां हैं।एग्रीगोल्ड ने नौ राज्यों में 32 लाख निवेशकर्ताओं से 6,380 करोड़ रुपये की उगाही की है।
अकेले आंध्र प्रदेश में 19 लाख निवेशकों ने कंपनी में 4,000 करोड़ रुपये निवेश किए हैं।बैठक के दौरान कुछ पीड़ित अपना किस्सा सुनाते हुए फूट-फूटकर रो पड़े। 100 से अधिक पीड़ितों की खुदकुशी का मुद्दा भी बैठक में छाया रहा। पवन ने कहा कि निवेशकर्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार के उदाहरण का हवाला दिया, जिसने शारदा घोटाले के प्रत्येक पीड़ित को 5,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की। इसी तरह की मदद ओडिशा में भी की गई। पवन ने कहा कि एग्रीगोल्ड से कड़ाई से निपटने की जरूरत है, जैसा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सहारा के मामले में किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले सप्ताह राज्य विधानसभा में कहा कि मुख्य आरोपी ए.वी.रामा राव तथा उनके भाइयों ने तीन कंपनियां एग्रीगोल्ड फार्म एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, एग्रीगोल्ड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड तथा ड्रीम लैंड वेंचर्स खड़ी कीं और निवेशकों से 6,380 करोड़ रुपये की उगाही कर कंपनियों को 'सूटकेस कंपनियों' में तब्दील कर दिया।घोटाला साल 2014 में सामने आया। 18 में से सात आरोपियों को आंध्र प्रदेश पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।