जापान और मितसुबिशी के प्रंबधकीय निदेशक आधारित एक उच्च स्तरीय जापानी प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ मुलाकात करके पंजाब में निवेश और विकास के कुंजीवत क्षेत्रों में सांझदारी के लिए दिलचस्पी दिखाई। उन्होने इस दौरान निवेश और आपसी सहयोग के संभावी क्षेत्रों में विचारविमर्श किया।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और जापान के राजदूत श्री केंजी हिरामतशु, मितसुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लि. के प्रंबधकीय निदेशक श्री कंजूनोरी कोनिशी के बीच हुई बैठक को दोनो पक्षों ने प्रारभिंक बैठक बताया। पंरतु इस बैठक ने दोनों के बीच आगे और विचारविमर्श राह मजबूत कर दिया है।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब की सत्ता संभालने से कुछ ही दिनों में हुये इस विचारविमर्श दौरन विभिंन क्षेत्रों और विषयों पर विचारविमर्श किया गया और दोनों पक्ष आपसी सांझेदारी की रूपरेखा तैयार करने के लिए आगे और बातचीत करने के लिए सहमत हुये।बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मितसुबिशी ने निवेश के बहुत से महत्वपूर्ण क्षेत्रों संबधी मुख्यमंत्री के पास अपनी पेशकारी की जिनमें विद्युत, समार्ट सिटीज(आटोमेटिड गाईडवे ट्रांजिस्ट), ओद्यौगिक पार्क और कैपटिव पावर प्लांट शामिल है। इसके अतिरिक्त इस दौरान मौजूदा प्रोजैक्टों को ओर बढिय़ा व मजबूत बनाने के लिए भी मितसुबिशी ने अपना पक्ष पेश किया।
मुख्यमंत्री ने एजीटी में दिलचस्पी दिखाई जोकि ट्रंाजिस्ट ओरिऐंट डिवैलपमैंट(टीओडी)आधारित जनतक ट्रांसपोटेशन प्रणाली है। यह मैट्रो रेल का किफायती परिर्र्र्र्र्र्वतन है जोकि लुधियाना, अमृतसर और जांलधर जैसे भीड़ भाड़ वाले शहरों में लोगों के लिए सफर करने के लिए सस्ता व सरल साधन है।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब के बुनियादी ढांचे मे सुधार लाने के लिए सड़क और हाइवेज के विकास संबधी भी विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री राज्य में आर्थिक गलियारे के विकास के लिए जापानी निवेश में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई। बैठक दौरान कृषि और बागवानी के एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र संबंंधी भी विचारविमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया कि कम जुताई होने के बावजूद जापान के किसान अधिक झाड़ प्राप्त करने में सफल हुये है। इस संबध में पंजाब के किसान जापान से काफी कुछ सीख सकते है और जापान के किसानों जैसे नये तरीके और उस तरह की पहुंच अपना सकते है। उन्होने कहा कि धान और गेहूं की खेती पंजाब के किसानों के लिए अब लाभदायक नही रही जिस कारण अब बागवानी जैसे क्षेत्रों की ओर कदम उठाने की जरूरत है।दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में सहयोग करने के लिए नई संभावनाओं को पता लगाने का भी फैसला किया। मुख्यमंत्री ने जापानी विशेषज्ञों को पंजाब विशेषकर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय आने का निमंत्रण ताकि वह कृषि सहयोग संबधी संभावनाओं का जायजा ले सके। उन्होने कहा कि कृषि वैज्ञानियों के लिए एक आदान प्रदान कार्यक्रम भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछे कार्यकाल दौरान उनकी सरकार द्वारा कोल्ड चैन समर्था विकास कार्यक्रम शुरू करने को याद करते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कोल्ड चैन को पुन बहाल करने का सुझाव दिया ताकि पंजाब से जापान व अन्य देशों को कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जा सके।पंजाब में नाड़(पराली व गेहूं का नाड़)के जलाये जाने की गंभीर समस्या संबधी भी विचारविमर्श किया गया जापान ने इस समस्या के हल की पंजाब सरकार को पेशकश भी की जो उसने अपने अनुभव दौरान निकाली उस के द्वारा सुरक्षित व वातावरण पक्षीय तरीको से नाड़ का निपटारा किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने नाड़ को खाद में बदलने वाली तकनीक में दिलचस्पी दिखाई।मितसुबिशी ने कचरे से बिजली उत्पादन की विलक्षण तकनीक भी पंजाब को देने की पेशकश की । कूड़े करकट विशेषकर शहरी क्षेत्रों के कचरे के निपटारे के लिए एक उचित हल के रूप में मुख्यमंत्री इसकी संभावनाओं का पता लगाएगें। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि वह पंजाब के आधुनिकीकरण के लिए वचनबद्ध है और इस कार्य के लिए जापान महत्वपूर्ण सांझेदार हो सकता है।