पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने लाल बत्ती के मामले पर गलती के लिए जिम्मेवार परिवहन विभाग के अधिकारी को शीघ्र बदलने के आदेश दिये है। उन्होने राज्य में राजनीतिक लीडरों की सुरक्षा वापिस लेने व इसका जायजा लेने की प्रक्रिया को धीमी करने के संभावना को रदद कर दिया।आज यहां विधान सभा की प्रैस गैलरी में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की लाल बत्ती नीति में किसी भी प्रकार की कोई तबदीली नही की जाएगी। जिसका कांग्रेस के चुनाव मैनीफैस्टो में वादा किया गया और बाद में इसकी मंत्रीमंडल के फैसले दौरान भी पुष्टि की गई है।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है और मंत्रीमंडल द्वारा इस संबंधी दिये फैसले को छोड़कर अन्य कोई भी छूट नही दी जाएगी। उन्होने स्पष्ट किया कि वह और कैबिनेट मंत्री लाल बत्ती का प्रयोग नही करेगें। यह फैसला उन्होने स्वै इच्छा से लिया है। चाहे कांग्रेस मैनीफेस्टो में उनको लाल बत्ती से छूट दी गई है।सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती लगाने के मामले पर स्थिति स्पष्ट करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबध में मंगलवार को हुई गलती के लिए उन्होने मुख्य सचिव को संबधित अधिकारी/कर्मचारी को शीघ्र बदलने के निर्देश दिये।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार को वीवीआईपी कल्चर खत्म करने के हक में स्पष्ट फतबा हासिल हुआ है ओर यह कदम इस प्रक्रिया का ही हिस्सा है।राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों की सुरक्षा वापिस लेने या घटाने की प्रक्रिया धीमी करने का रदद करते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह सुरक्षा राजनीतिक नेताओं व अधिकारियों को खतरे की संभावना के आधार पर दी गई है। उन्होने कहा कि मीडिया में जिस पत्र से असमजस वाली स्थिति पैदा हुई है वह पत्र उनकी राज्य के पुलिस मुख्य के साथ 24 मार्च को हुई पहली बैठक से पहले लिया गया था।मुख्यमंत्री ने डीजीपी को पुलिस के कल्याण के लिए पुलिस के सुचारू ढंग से प्रयोग करने के लिए सुरक्षा का जायजा लेने संबधी फैसले को सही अर्थो में लागू करने हेतू आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा। उन्होने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को वापिस बुलाने और वीवीआईपी रूट व पुलिस कर्मचारियों को तैनात करने की मौजूद प्रणाली खत्म करने से उनको इस प्रकार की फजूल डियूटी से निजात मिलेगी और इन डियूटियों से वापिस आने वाले पुलिस कर्मचारियों को उनके संबधित जिलों में मौजूद पदों पर तैनात किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होने पुलिस कर्मचारियों की आठ घंटे डियूटी निर्धारित करने और सप्ताह में एक छुटटी देने के प्रस्ताव पर काम करने के लिए पहले ही कहा है ताकि पुलिस कर्मचारियों के लिए कार्य का बढिय़ा माहौल पैदा किया जा सके।