कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के द्वारा आयोजित इण्डिया कारपेट एक्सपो के 33 वें संस्करण का उद्घाटन आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में माननीय टेक्सटाईल मंत्री श्रीमति स्मृति ईरानी के द्वारा किया गया। इस मौके पर माननीय कपड़ा राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा तथा भदोही से माननीय संसद सदस्य श्री वीरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे। एक्सपो का आयोजन भारत सरकार के तत्वावधान में भारतीय हस्त निर्मित कालीनों की सांस्कृतिक विरासत तथा बुनाई कौशल को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।इस मौके पर माननीय कपड़ा राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें खुशी है कि कालीन निर्यात संवर्धन परिषद भारतीय बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए साल में दो बार एक्सपो का आयोजन करता है। हर साल एक्सपो बड़ी मात्रा में कारोबार आकर्षित करता है। हमारे पास जो कुछ सामग्री उपलब्ध है, वह हाथ से बुनी गई है, जो विशेष रूप से विदेशी खरीददारों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।’’भदोही से माननीय सांसद श्री वीरेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘पहली बार हमने चरवाहों को विशेष अधिकार प्रदान करने की योजना बनाई है, क्योंकि वे कालीन निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अब तक हम केवल बुनकरों और निर्माताओं पर ही ध्यान केन्द्रित कर रहे थे, लेकिन हमें उम्मीद है कि हमारी यह पहल चरवाहों के कल्याण में भी योगदान देगी।’’ इस मौके पर सीईपीसी के चेयरमैन श्री महावीर प्रताप शर्मा ने कहा, ‘‘इण्डिया कारपेट एक्सपो अन्तरराष्ट्रीय कालीन खरीददारों, क्रेता सदनों, क्रेता एजेन्ट्स, आर्कीटेक्ट्स एवं भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों के लिए आदर्श मंच है, जो उन्हे एक दूसरे से मिलने तथा दीर्घकालिक कारोबारी सम्बन्ध बनाने मेंमदद करता है। यह प्रदर्शनी भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों के निर्यात को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हमने विशेष थीम पर आधारित मंडप भी स्थापित किया है जिसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञ अर्गोनोमिक एवं फ्लेक्सिबल टफ्टिंग फ्रेम की अवधारणा के माध्यम से कालीन बुनाई की प्रक्रिया को दर्शा रहे हैं।’’श्री शर्मा ने अपने बात को जारी रखते हुए कहा कि इस प्रदर्शनी में एक हज़ार करोड़ रु से ज़्यादा का ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। कारपेट एक्सपो में नए रंगों एवं डिज़ाइनों से तैयार किए गए कालीन पेश किए जा रहे हैं।
इण्डिया कारपेट एक्सपो एशिया में हस्तनिर्मित कालीनों के सबसे बड़े मेलों में से एक है जहां एक ही छत के नीचे हाथ से बने कालीनों और गलीचों की व्यापक रेंज प्रस्तुत की जाती है। 305 से ज़्यादा प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ यह दुनिया भर में हस्तनिर्मित गलीचों के लिए लोकप्रिय गंतव्य बन गया है।ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, चिली, जर्मनी, मैक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए सहित 60 देशों से कालीनों के 410 से अधिक विदेशी खरीददार इस एक्सपो में आएंगे तथा ग्रामीण आधारित कुटीर उद्योग को कारोबार देंगे। एक्सपो कालीनों के आयातकों, निर्माताओं-निर्यातकों को भी कारोबार के विशेष अवसर उपलब्ध कराएगा। इससे एमएसएमई कुटीर उद्योगों से जुड़े तकरीबन 2 मिलियन बुनकर और कलाकार लाभान्वित होंगे।