केन्द्रीय विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने पर्यावरण 2017 विषय पर आयोजित विश्व सम्मेलन में कहा कि वर्तमान परिदृश्य में इस तरह के सम्मेलन सराहनीय हैं। इस तरह के सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में नए विचारों को पैदा करने में मदद करने के साथ-साथ पर्यावरण एवं जलवायु से जुड़े विभिन्न संवेदनशील विषयों की ओर ध्यान केन्द्रित करते हैं। गोयल ने रविवार को संपन्न हुए इस सम्मेलन में कहा कि हम इस ग्रह पर रह रहे हैं और इसके संसाधनों का इस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि भविष्य में हमें किसी अन्य ग्रह पर जाना हो।जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में गोयल ने कहा कि सरकार ऊर्जा, पर्यावरण एवं बढ़ती अर्थव्यवस्था की ऊर्जा जरूरतों को संतुलित करने की दिशा में 360 प्रतिशत समग्र दृष्टिकोण अपना रही है। सरकार इस बात को लेकर वचनबद्ध है कि राष्ट्र के पर्यावरण को बचाना एवं उसका संरक्षण करना होगा एवं आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण करना होगा।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी लाइट को एलईडी लाइट से बदला जा रहा है। सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना कॉर्बन उत्सर्जन को करीब 80 मिलियन टन की दर से सालाना कम करेगी और लोगों के बिजली के बिलों में सालाना करीब 4000 करोड़ रुपये की बचत करेगी। भारत थर्मल पॉवर पर निर्भरता वाली अर्थव्यवस्था से नवीकरणीय ऊर्जा वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा कार्यक्रम को 20 गीगावॉट से बढ़ाकर, वर्ष 2022 तक 100 गीगावॉट करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पेरिस सम्मेलन में हमने जो भी वादे किए थे, वे तो पूरे होंगे ही, सरकार के प्रयासों द्वारा हम इन वादों और लक्ष्यों से भी आगे निकल जाएंगे।खनन क्षेत्र को अधिक दक्ष बनाने की दिशा में सरकार की योजनाओं के बारे में गोयल ने कहा कि यह क्षेत्र प्रत्येक दिन ऊर्जा के प्रति अधिक दक्ष और पर्यावरण के प्रति जागरूक होता जा रहा है। सरकार देशभर में खनन के दौरान निकलने वाले पानी का सदुपयोग करने की दिशा कार्य करने के बारे में विचार कर रही है, ताकि संबंधित क्षेत्र में रह रहे लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ नदी पुनरुद्धार और जमीनी जल का स्तर ऊंचा उठाने में इसका इस्तेमाल किया जा सके।देशभर में सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के बारे में गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों के एक समूह को इस संबंध में निर्देश देकर कहा है कि वर्ष 2030 तक इस दिशा में पर्याप्त काम कर, ज्यादातर वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करें।सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार, भारत के सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव अजय नारायण झा के अलावा कई विदेश गणमान्य अतिथि, राजदूत, पर्यावरणविद् एवं छात्र मौजूद थे।