काम के सिलसिले में आए दिन भारत और अमेरिका की यात्रा करने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि काम में मशरूफ हो जाना आसान है, लेकिन वह अपने परिवार और दोस्तों के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालना नहीं भूलतीं। अभिनेत्री कहती हैं कि वह निजी और पेशेवर जिंदगी में दोहरा जीवन जीते हुए संतुलन बिठा लेती हैं। प्रियंका ने आईएएनएस को ईमेल के जरिए दिए साक्षात्कार में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो हमेशा संतुलन बनाए रखने में मुश्किल होती है, लेकिन जिस काम को आप महत्वपूर्ण मानते हैं उसे आपको करना होता है।"अभिनेत्री कहती हैं, "मैं कड़ी मेहनत करती हूं, लेकिन उदाहरण के तौर पर मुझे जब खुद के लिए, परिवार या दोस्तों के लिए समय निकालना होता है, मैं समय निकालूंगी।
मैं अपनी प्राथमिकताओं को समझती हूं और मेरी टीम भी समझती है, इसलिए जब भी मुझे कुछ ऐसा करने की जरूरत पड़ेगी, जो मेरे लिए महत्वपूर्ण है तो मैं करूंगी। मैं उससे जुड़ने का प्रयास भी करूंगी..काम में मशरूफ हो जाना आसान है।"महज 18 साल की उम्र में विश्व सुंदरी का खिताब जीतने वाली प्रियंका ने साल 2003 में फिल्म 'द हीरो : लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई' से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था।प्रियंका के अमेरिकी टीवी शो 'क्वांटिको' ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाई। वह फिल्म 'बेवॉच' से हॉलीवुड में आगाज करने जा रही हैं। अभिनेत्री का कहना है कि आपके जीवन में ऐसे लोग होने जरूरी हैं, जो आपको आईना दिखाते हैं और वास्तविकता से रूबरू कराते हैं।