मुस्लिम समाज के अत्यंत पिछड़े वर्ग कुरैशी समाज जो दशकों से बड़े जानवरो के मांस के व्यापार से अपने परिवारों का भरण पोषण कर रहा था, उसकी रोजी रोटी पर सूबे की नवनियुक्त भाजपा सरकार ने कुठाराघात करते हुए जिस तरह स्लाटर हाउस को बंद करने का फरमान जारी किया है, वह पूर्णत: असंवैधानिक कृत्य है। यदि योगी में दम है, तो आरएसएस-भाजपा नेताओं का स्लाटर हाउस बंद करे। यह आरोप कुरैशी महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष मो. शकील कुरैशी, भारतीय निर्माण मजदूर यूनियन (भानिमयू) के नेता व न्याय मंच के अध्यक्ष अमित मिश्रा ने गुरुवार को जारी अपने संयुक्त बयान में लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार सारे फैसले सांप्रदायिक व जातिगत आधार पर कर रही है। दोनों नेताओं ने कहा, "यदि योगी में दम है तो वह आरएसएस व भाजपा के बड़े नेताओं के स्लाटर हाउस व बूचड़खाना बंद करे।" साथ ही दोनांे नेताओं ने दलितांे, मुसलमानों और मजदूरों के हक के लिए संघर्ष करने का भी ऐलान किया है।
कुरैशी ने कहा, "मुस्लिम समुदाय का अत्यंत पिछड़ा कुरैशी समाज जो कि सिर्फ मांस के व्यापार से अपने परिवारों का पालन पोषण करने व बगैर सरकारी अनुदान के राज्य सरकार को हर वर्ष 19 हजार करोड़ रुपये का राजस्व उपलब्ध कराता है, योगी सरकार के इस सांप्रदायिक व मुस्लिम विरोधी फैसले से भुखमरी व बेरोजगारी के कगार पर पहुंच जाएगा।" उन्होंने कहा कि योगी सरकार संवैधानिक व प्रशासनिक संस्थाओं को पंगु बना रही है।न्याय मंच के अध्यक्ष व मजदूर नेता अमित मिश्रा ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "प्रदेश भर में भाजपा नेताओं के स्लाटर हाउसों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए संघ के इशारे पर गरीब मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्ग कुरैशी समाज को आर्थिक तौर पर कंगाल करने का षंडयत्र रचा गया है।
समुदाय विशेष के साथ-साथ मनरेगा के मजदूरों का लंबे समय से बकाया बाकी है, जिसको केंद्र की मोदी सरकार ने रोक रखा है।"उन्होंने कहा, "सांप्रदायिकता को आधार बनाकर योगी सरकार की दहशत पैदा करते हुए मुसलमानों को बेरोजगार कर उसे भूखों मारने की पूरी योजना है। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मुख्यमंत्री की तरह नहीं बल्कि अपने मुस्लिम विरोधी मानसिकता और आरएसएस के प्रचारक की तरह काम कर रहे हैं।" अमित ने कहा, "यदि योगी में दम है तो वह आरएसएस व भाजपा के बड़े नेताओं के स्लाटर हाउस व बूचड़खाना बंद करे। लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे, क्योकि उन्हें संघ से जुड़े लोगों का बिजनेस बढाना है और मांस के मुस्लिम कारोबारियों को डराकर अरबों रुपये चंदा लेने की योजना है।"दोनों नेताओं ने अपने संयुक्त साझा बयान में कहा कि योगी की मुसलमानों के प्रति दमनकारी सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ उनका संगठन प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर दलितांे, मुसलमानों और मजदूरों के हक हकूक के लिए संघर्ष करेगा।