विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका में काम रहे भारतीय आईटी पेशेवरों की नौकरी की सुरक्षा और एच1बी वीजा पर प्रतिबंध को लेकर चिंता की कोई वजह नहीं है क्योंकि भारत सरकार अमेरिका से इस संबंध में बात कर रही है। राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने कहा, "वर्तमान में अमेरिकी कांग्रेस में एच1बी वीजा प्रतिबंध को लेकर चार विधेयक हैं। हम अमेरिका के साथ उच्चस्तर पर इस संबंध में (वार्ता में) लगे हुए हैं। हम यह सुनिश्चित करने का सभी प्रयास (कूटनीतिक माध्यमों के जरिए) कर रहे हैं कि यह विधेयक पारित नहीं हों।"उन्होंने कहा, "इसलिए अभी इसकी चिंता करने की कोई वजह नहीं है।"विदेश मंत्री ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले भी अमेरिका की एच1बी वीजा नीति में उतार-चढ़ाव आता रहता था।
उन्होंने कहा, "एच1बी वीजा 1990 में जब पहली बार शुरू किया गया, तब इसकी सीमा 65,000 थी। साल 2000 में इसे तीन साल के लिए 1,95,000 कर दिया गया। अमेरिका ने साल 2004 में वीजा की संख्या फिर 65,000 कर दी। इसलिए इस नीति में डोनाल्ड ट्रंप सरकार से पहले से उतार-चढ़ाव होता रहा है।"विदेश मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों के पति-पत्नी को दी गई वीजा सुविधा को अमेरिका ने अभी तक वापस नहीं लिया है।अवैध प्रवासियों के बारे में सुषमा ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने 271 लोगों की सूची दी है, जिन्हें उन्होंने निर्वासित करने के लिए चिन्हित किया है।उन्होंने कहा, "हमने इन 271 लोगों के बारे में ज्यादा जानकारियां देने को कहा है। एक बार हम उनके बारे में जांच कर लेंगे और उनके वास्तव में भारतीय नागरिक होने की पुष्टि के बाद हम उनको भारत वापस लौटने का यात्रा वीजा प्रदान करेंगे जिससे कि अमेरिकी अधिकारी उन्हें जेल में नहीं डालें।"