सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अगर सहारा समूह आदेश के मुताबिक बाजार नियामक सेबी के पास 5,092 करोड़ रुपये जमा कराने में नाकाम होता है तो समूह की महाराष्ट्र में स्थित एंबी वैली संपत्ति की नीलामी करा दी जाएगी। शीर्ष न्यायालय ने अपने 28 फरवरी के आदेश में सहारा को अपनी कुछ संपत्तियों को बेचने की अनुमति दी थी, लेकिन उसे 13 अप्रैल, 2017 तक सेबी के पास 5,092.64 करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दिए थे। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजना गोगोई और न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि अगर वे 13 अप्रैल तक 5,092.64 करोड़ रुपये जमा कराने में नाकाम होते हैं तो एंबी वैली की संपत्ति की नीलामी करा दी जाएगी। क्योंकि पहले ही एमजी कैपिटल होल्डिंग्स एलएलसी को सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में 750 करोड़ रुपये जमा करने की अनुमति दी गई थी।एमजी कैपिटल होल्डिंग्स एलएलसी एक अंतर्राष्ट्रीय रियल एस्टेट कंपनी है, जो न्यूयॉर्क स्थित प्लाजा होटल में सहारा के हिस्से को 550 करोड़ डॉलर में खरीदने की प्रक्रिया में है।
शीर्ष अदालत ने 28 फरवरी को एमजी कैपिटल होल्डिंग्स एलएलसी को अपनी रजिस्ट्री के साथ 17 अप्रैल तक 750 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। रियल एस्टेट कंपनी ने न्यूयॉर्क के होटल में सहारा की हिस्सेदारी को खरीदने की अनुमति के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।रियल स्टेट कंपनी के एक आवेदन पर अदालत ने उसे सहारा सेबी रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त, 2012 को सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को निवेशकों को 17,600 करोड़ रुपये 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने को कहा था। दोनों कंपनियों द्वारा अदालत के आदेश के अनुपालन में विफल रहने के कारण सुब्रत रॉय, उनके दामाद अशोक रॉय चौधरी और समूह निदेशक रवि शंकर दुबे को 4 मार्च, 2014 को तिहाड़ जेल भेजा गया था।रॉय को अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए 6 मई, 2016 को पैरोल दिया गया था, जिनका 5 मई को निधन हो गया था। रॉय के अलावा चौधरी को भी पैरोल पर रिहा किया गया। दुबे को बाद में पैरोल पर रिहा किया गया था।