शिरोमणि अकाली के नेता सुखबीर सिंह बादल द्वारा कमेटियां बनाकर सरकार द्वारा अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लगाये गये आरोपों को रद्द करते हुये पंजाब सरकार ने आज कहा है कि यह कमेटियां फैसलों को सही ढंग से लागू करने के लिये उचित ढांचा बनाने तथा उस आरजीपुणे से बचने के लिये आवश्यक है जोकि गत् सरकार के कामकाज़ी तौर तरीकों में देखने को मिला है। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि बादल सरकार ने गत् 10 वर्ष आरज़ी कार्य किये हैं जिस कारण सरकारी प्रणाली पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसकी बदौलत राज्यभर में अधिकारी एवं कर्मचारी अपने निजी हितों के लिये इस असफल प्रणाली का प्रयोग करते रहे। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले पर रत्ती भर भी लापरवाही सहन ना करने की नीति अपनाई हुई है और प्रशासन को लोगों के लिये जवाबदेह बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बहुत से सदस्यों पर आधारित की गई कमेटी कानून व्यवस्था एवं बेहतर प्रशासन को यकीनी बनाने के लिये बढिय़ा ढंग है जिसका उद्धेश्य किसी भी फैसले को लागू करवाने पर निगाह रखना है। राज्य की कमज़ोर वित्तीय स्थितियों के मद्देनज़र यह विशेष तौर पर आवश्यक था क्योंकि यह बादल सरकार के शासन दौरान पूरी तरह डगमगा गई थी।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि बादल सरकार अपने 10 वर्ष के शासन दौरान अपने चुनाव वायदों में से 30 प्रतिशत वायदे भी लागू करने में भी नाकाम रही है जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने पहले दो दिनों में ही 33 प्रतिशत वायदे लागू करने के लिये प्रगति आरंभ कर दी है। नई सरकार द्वारा सबसे पहले किसानों के ऋृण समाप्त करने संबंधी सुखबीर बादल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रीमंडल ने इस संबंधी पहले ही औपचारिक फैसला कर लिया है। यह कमेटी ऋृण माफ करने की प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने के लिये बनाई गई है ताकि इस फैसले को बेहतर ढंग से लागू किया जा सके। प्रवक्ता ने आगे कहा कि मंत्रीमंडल द्वारा अपनी पहली बैठक में लिये गये सभी फैसलों को समयबद्ध ढंग से लागू करने की व्यवस्था की है और अकाली नेता द्वारा सरकार द्वारा अपने कार्यो पर पर्दा डालने के लिये गये आरोपों का कोई प्रशन ही पैदा नही होता। शिरोमणि अकाली दल -भाजपा सरकार के गत् 10 वर्षो के कार्यो के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि गत् सरकार के कामकाज के सरकारी रिकार्ड पर भरोसा नही किया जा सकता। उन्होंने सुखबीर की टिप्पणी का जिक्र करते हुये कहा कि किसानों के कर्जे संबंधी आंकड़े एकत्र करने की कोई भी जरूरत नही है क्योंकि यह पहले ही सरकारी दस्तावेज़ों में पड़े हुये हैं।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि सरकारी मशीनरी को दुरूस्त करने के अतिरिक्त मज़बूत प्रणाली विकस्ति करने और सरकारी मशीनरी पर व्यक्तिगत अधिकारियों की मज़बूत जकड़ को समाप्त किया जाना आवश्यक है। सभी बातों को अधिकारियों के मन की मौज और पूर्व अनुमानों पर नही छोड़ा जा सकता। इनको सरकार के विभिन्न एजेंडों को उचित ढंग से और समय पर लागू करवाने के लिये जिम्मेवार एवं जवाबदेह बनाया गया है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि यदि राज्य को पुन: विकास की राह पर चलाना है तो ऐसा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सुखबीर जैसा अनुभवी राजनीतिज्ञ जो उपमुख्यमंत्री के उच्च पद पर रहा हो, नई सरकार से लोगों के हितों में सहयोग करने की जगह सरकार विरूद्ध टकराव वाला व्यवहार अपना रहा है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि अकाली लीडरशिप लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है जो उस द्वारा सत्ताधारी पार्टी पर बार-बार सियासी बदला खोरी की तोहमतों से भी सिद्ध होता है। मुख्मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसी विरूद्ध भी सियासी बदलाखोरी की भावना से कार्य नही करेगी। इसका प्रगटावा सरकार ने बीते सोमवार को उपायुक्तों एवं जिला मुखियों की बैठक में भी किया है। इसके बावजूद अकाली नेता झूठे एवं आधारहीन आरोपों से लोगों को लगातार मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहें हैं।