पंजाब प्रदेश कांगे्रस कमेटी ने वीरवार सुबह शपथ ग्रहण समारोह में कुप्रबंधन संबंधी साफतौर पर झूठे आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यपाल कार्यालय को नीचा दिखाने की मनगढ़ंत व गलत कोशिश की निंदा की है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने आप पंजाब के नेताओं द्वारा राज्यपाल कार्यालय की ओर से आयोजित समारोह का सही तरीके से प्रबंध न करने संबंधी लगाए आरोपों पर तेजी से प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए, कहा कि बौखलायी हुई आप पंजाब विधानसभा चुनावों में अपनी शर्मनाक हार को पचा नहीं पा रही है। इस क्रम में, आप निराशापूर्ण तरीके से राज्य की नव गठित कांग्रेस सरकार को झूठे व निराधार आरोपों के जरिए बदनाम करने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में, प्रवक्ता ने खुलासा किया कि कार्यक्रम हेतु सारे प्रबंध राजभवन द्वारा किये गए थे और समारोह पूरा होने तक कांग्रेस सरकार ने शपथ ग्रहण भी नहीं की थी।प्रवक्ता ने कहा कि आप नेतृत्व अपनी चुनावी हार को सच्चे दिल से स्वीकार करने और एक अच्छे विपक्ष की भूमिका निभाने की बजाय, कांग्रेस सरकार के शपथ लेने से पहले ही रुकावटें पैदा करने हेतु आतुर प्रतीत होता है और इसका खुलासा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व उनके मंत्रिमंडल के साथियों के शपथ ग्रहण समारोह में इनके व्यवहार से हो जाता है।
उन्होंने कहा कि आप नेता अपनी आदत पर चलते हुए, अपने व्यवहार को लेकर कोई संविधानिक औचित्य की परवाह किए बगैर, एक बार फिर से लोगों का ध्यान खींचने हेतु नोटंकी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप नेताओं के आरोपों के विपरीत पंजाब राज भवन में कोई समस्या या गड़बड़ी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता, तो वहां बड़ी तादात में मौजूद मीडिया इसे सबसे पहले उजागर करता।यहां जारी बयान में, प्रवक्ता ने कहा कि आप द्वारा यह सारा ड्रामा लोगों को गुमराह करने हेतु रचा गया है, जो ये अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भी ऐसा करते रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब के लोग इनके झूठ के जाल में फंसने वाले नहीं हैं और उन्हें अब गुमराह नहीं किया जा सकता।प्रवक्ता ने खुलासा किया कि आप ने संविधानिक अथॉरिटी की गरिमा को नीचा दिखाने की यह पहली कोशिश नहीं की है, बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय कनवीनर अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की विश्वसनियता पर सवाल उठाते हुए, एक गलत नींव रखी थी और चुनावों के दौरान वह कई अवसरों पर चुनाव आयोग से टकरा चुके हैं। इस दिशा में, नतीजों के बाद भी केजरीवाल ने साफतौर पर चुनावों में अपनी पार्टी की भारी हार को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और ई.वी.एम में हेराफेरी संबंधी अपने निराधार आरोपों के साथ लगातार चुनाव आयोग की संविधानिक अथॉरिटी को चुनौती देते रहे हैं।जिस पर, प्रवक्ता ने आप नेतृत्व से पंजाब के मुख्य विरोधी दल के रूप में अपने कद के मद्देनजर, समझदारी पूर्वक व्यवहार करने और राज्य के विकास को दिशा देने हेतु एक रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की है।