उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के सियासी रण में सभी लोग अपनों को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। उप्र के सियासी संग्राम में एक दिलचस्प तस्वीर यह भी है कि एक बाहुबली का बेटा अपनी पढ़ाई-लिखाई को परे रखकर अपने पिता को चुनाव में जीत दिलाने के लिए पिछले छह महीने से कड़ी मेहनत कर रहा है। चंदौली जिले में कुल चार विधानसभा सीटें हैं। सैयदराजा, सकलडीहा, मुगलसराय और चकिया। इसमें जिले की सबसे चर्चित सीट सैयदराजा विधानसभा है। इसकी भी खास वजह यह है कि यहां दो बाहुबलियों के बीच धनबल और बाहुबल की कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। इसमें बाजी किसके हाथ लगेगी यह कह पाना अभी मुश्किल है।सैयदराजा विधानसभा सीट पर सर्वाधिक ठाकुर, भूमिहार और ब्राह्मण मतदाता हैं, लेकिन इस सीट पर ठाकुरों के बीच आपसी जंग हमेशा से ही दिखती आई है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से माफिया बृजेश सिंह खुद चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें करारी शिकस्त मिली थी।
सैयदराजा विधानसभा से ही बसपा से विनीत सिंह उम्मीदवार हैं तो भाजपा से सुशील सिंह मैदान में हैं, जबकि सपा से मनोज सिंह डबलू मैदान में है। मनोज यहां से वर्तमान विधायक भी हैं। विनीत सिंह फिलहाल रांची जेल में बंद हैं, लेकिन उनका 20 वर्षीय बेटा आकाश सिंह अपने पिता और उनकी पत्नी प्रमिला सिंह अपने पति को न्याय दिलाने की अपील कर रही हैं। प्रमिला मिर्जापुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। आकाश सिंह जनता से यह अपील कर रहे हैं कि उनके पिता को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा गया है। आकाश सिंह ने आईएएनएस से कहा, "पिता को फर्जी तरीके से फसांकर जेल भेजा गया है। उनके ऊपर जो भी मुकदमे किए गए वे सब राजनीतिक साजिश का नतीजा है, पिता को न्याय दिलाने के लिए जनता से अपील कर रहा हूं।"
पिछले छह महीने से चंदौली में जमे हुए आकाश सिंह ने बताया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष के छात्र हैं। वह दयाल सिंह कॉलेज से पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी परीक्षा नौ मार्च से शुरू हो रही है और वह आठ मार्च की रात को दिल्ली वापस लौट जाएंगे।आकाश अपने पिता को जिताने की अपील तो कर रहे हैं, लेकिन उनके मुकाबले में भी इलाके के ही क्षत्रप और बाहुबली भाजपा नेता सुशील सिंह हैं। सुशील सिंह पर हालांकि वर्तमान में चार मुकदमे हैं, लेकिन उनका दावा है कि वह सारे मुकदमों में बरी हो चुके हैं। मुकदमों का जिक्र उन्होंने अपने शपथपत्र में किया है। इधर, आकाश के पिता विनीत सिंह के खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज हैं लेकिन आकाश का दावा है कि सभी मुकदमे राजनीतिक द्वेष के चलते किए गए हैं। उन्हें विश्वास है कि जनता उनके पिता के साथ न्याय जरूर करेगी।
इलाके के लोगों की माने तो सैयदराजा सीट पर मुकाबला कांटे का है और दो बाहुबलियों के बीच है। बसपा, सपा और भाजपा तीनों दलों से इलाके के ठाकुर नेता ही मैदान में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में हालांकि यहां दो ठाकुर नेताओं बृजेश सिंह व मनोज सिंह में सीधी लड़ाई दिखी थी, तब बाजी सपा नेता मनोज सिंह के हाथ लगी थी। बृजेश सिंह फिलहाल वाराणसी के जिला कारागार में बंद हैं, हालांकि बाद में विधान परिषद का चुनाव जीतकर वह विधायक बनने में कामयाब रहे थे। इस बार उनका भतीजा सुशील सिंह इस सीट से भाजपा का उम्मीदवार है। पिछली बार सुशील सिंह सकलडीहा सीट से निर्दल विधायक चुने गए थे।