बंधुआ मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर फरीदाबाद से आए मजदूरों के प्रधानों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि समस्याओं से जूझ रहे करोड़ों असंगठित मजदूरों की लड़ाई फरीदाबाद से शुरू होगी। फरीदाबाद की पत्थर खदानों से मुक्त कराकर पुनर्वासित कराए गए मजदूरों से उन्होंने कहा कि आंदोलन ही एक ऐसा रास्ता है, जिससे बहरी और गूंगी सरकार से अपना हक लिया जा सकता है। मजदूरों की समस्याओं को लेकर शुरू होने वाले आंदोलन की जिम्मेदारी उन्होंने केंद्रीय कार्यालय के वैचारिक सलाहकार चरण सिंह राजपूत को सौंपी।स्वामी अग्निवेश ने कहा, "मजदूर आपसी मतभेदों को भुलाकर अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए छेड़े जा रहे आंदोलन में शामिल हों। हम जल्द आंदोलन करने जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि सरकारों के निकम्मेपन की वजह से देश में 50 करोड़ असंगठित मजदूर विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनको उनका हक दिलवाना है। वह चाहते हैं कि मजदूरों के इस आंदोलन की शुरुआत उनकी कर्मभूमि हरियाणा से हो। वह भी उस फरीदाबाद से जहां 1980 से बंधुआ मजदूरों की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी गई। उन्होंने कहा, "फरीदाबाद के मजदूर इस आंदोलन को ऐसी गति देंगे कि हम लोग पूरे देश में शोषित दलित मजदूरों की आवाज बनेंगे।"दयानंद कालोनी और विभिन्न डेरों में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी समस्याओं को हल कराने के लिए वे लोग अपने साथ भवन निर्माण, रेहड़ी पटरी पर काम करने वाले मजदूरों को भी जोड़ें।
स्वामी अग्निवेश ने असंगठित मजदूरों की दुर्दशा पर चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 36 फीसद वृद्धि करके साहसपूर्ण कदम उठाया है। उसे जमीनी स्तर पर लागू करवाने और आगे बढ़ाने के लिए सातवें वेतनमान आयोग के हिसाब से असंगठित मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतनमान 21,000 रुपये प्रति माह वेतन की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, शोषण, शराबबंदी, समान शिक्षा, कन्या भ्रूणहत्या जैसे मुद्दों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। जैसे 36 साल पहले पत्थर खदान मजदूरों को उनका हक दिलवाया गया था, ठीक उसी तरह दूसरे मजदूरों को भी उनका हक दिलवाया जाएगा।स्वामी ने कहा कि होली के तुरंत बाद आंदोलन युद्ध स्तर पर छेड़ दिया जाएगा। उन्होंने आठ मार्च को महिला दिवस पर कार्यक्रम कर देश में अच्छा संदेश देने की बात भी कही।