आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में बुधवार को हुई हिंसा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिह को जिम्मेदार ठहराया। आप नेता कुमार विश्वास ने छात्रों से हिंसा में शामिल न होने की अपील की और कहा कि छात्रों में विचारधारा के स्तर पर फर्क होना लाजिमी है, लेकिन हिंसा के बजाय लोकतांत्रिक तरीके से बहस की जानी चाहिए।रामजस कॉलेज में एक साहित्यिक सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाए जाने पर आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने हंगामा शुरू किया। इसका जवाब देने के लिए वामपंथी छात्र संगठन आइसा जब आगे आया तो हिंसक झड़प हुई।
विश्वास ने कहा, "प्रतिभाशाली व्यक्तित्व देने वाले विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों से यदि राष्ट्र विरोधी नारे उठ रहे हैं तो यह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की विफलता है।"बीते साल फरवरी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में लगाए गए राष्ट्र विरोधी नारे का जिक्र करते हुए आप नेता ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी मोदी को लेनी चाहिए, क्योंकि अब तक वास्तविक दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।विश्वास ने कहा, "उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए अब रामजस कॉलेज के माहौल को दूषित करने के लिए वही रणनीति अपनाई जा रही है, जो जेएनयू में अपनाई गई। दिल्ली पुलिस राजनाथ सिंह के अधीन है, इसलिए वह एबीवीपी की मदद कर रही है।"
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मतदाताओं से समाज को बांटने वालों के बहकावे में न आकर उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर वोट देने का आग्रह किया।विश्वास ने दिल्ली पुलिस पर हालात पर काबू पाने में विफलता को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि इसका इस्तेमाल केंद्र द्वारा एक औजार के रूप में किया जा रहा है।रामजस कॉलेज में हुए संघर्ष में कई के घायल होने के एक दिन बाद सैकड़ों छात्रों ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।