ओकरेज इंटरनेशनल स्कूल ने अपने छात्रों को पंजाब के अमीर सभ्याचार, विरासत, रिती रिवाज, रहन सहन और ग्रामीण जीवन की झल्क से अवगत करवाने केे लिए कैंपस में लाइव फार्म हाउस का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल की फु टबाल ग्राउंड को एक गांव के दृश्य के रूप में पेश करते हुए उसमें न सिर्फ घर बनाए बल्कि जीवित पालतू जानवर, ताजा फल और सब्जियों के स्टाल, फार्म हाउस के संद, गडा, चरखा, चूल्हा, हल, मधानी और रसोई के बर्तनों सहित एक पुरातन गांव में दिखाई देने वाली लगभग हर वस्तु का प्रबंध किया गया। इसके अलावा छात्रों और अध्यापकों ने भी रंग बिरंगे पंजाबी पहनावे पहन कर गांव का माहौल प्रत्यक्ष बना दिया। जबकि पंजाब का मान गिद्दा और भांगडा भी विभिन्न रूपों में पेश किया गया। इस अवसर पर छात्रों द्वारा सिखी के इतिहास की बहादुरी का प्रतीक गतका का भी प्रदर्शन किया गया।
इसके साथ ही सूत के बूटे से लेकर उसके कपड़ा बनाने के पुराने तरीके भी छात्रों को प्रैक्टिकल तरीके से दर्शाए गए। इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसीपल रमनजीत घुम्मण ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि छोटे छोटे बच्चे कोरे कागज की तरह होते हैं, ओकरेज स्कूल की यही कोशिश है कि हमारे छात्र न सिर्फ आधुनिक और विश्व स्तरीय शिक्षा हासिल करें बल्कि अपनी विरासत और जड़ों से भी जुडे रहें। इसके अलावा किताबी ज्ञान के साथ साथ हासिल की प्रैक्टिकल जानकारी भी हमेशा के लिए दिमाग में घर कर जाती है। इसी तरह बच्चा अधुनिक्ता से जुडते हुए भी अपने सभ्याचार और इतिहास से जुडा रहता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया गया है। इस मेले की समाप्ति ढोल की थाप पर अध्यापकों और छात्रों द्वारा भांगडा डाल कर की गई।