भारतीय मनोरंजन उद्योग में अपने 25 साल के सफर में फिल्मकार सूरज बड़जात्या ने सिर्फ ऐसी फिल्में ही बनाई हैं जिसे सपरिवार बैठकर लोग देख सकें, हलांकि वह आज के दौर में बतौर निर्देशक पारिवारिक फिल्मों के बूते फिल्म उद्योग में टिके रहना चुनौतीपूर्ण मानते हैं और उन्हें लगता है कि इस विधा पर कम ही फिल्में बनती हैं।'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन', और 'प्रेम रतन धन पायो' जैसी सफल फिल्में देने वाले बड़जात्या पारिवारिक फिल्मों को अपनी विशेषता मानते हैं। उन्हें लगता है कि लोग जब इस तरह की फिल्में देखना चाहते हैं तो सिर्फ उनके काम को देखते हैं। बड़जात्या ने आईएएनएस को बताया, "राजश्री प्रोडक्शंस में हमने हर तरह की फिल्मों में हाथ आजमाया है। हमने आधुनिक फिल्म, एक्शन फिल्म और यहां तक कि डाकू टाइप की फिल्में भी बनाई, लेकिन बढ़िया पारिवारिक फिल्मों के अलावा कोई भी फिल्म नहीं चली।
"फिल्मकार ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि शायद वे कुछ और करने के अभ्यस्त नहीं हैं और उनके बैनर तले बनी सिर्फ परिवार पर आधारित फिल्में देखने ही लोग आते हैं। बड़जात्या नया टीवी शो 'पिया अलबेला' लेकर आ रहे हैं। बड़जात्या को यह शो बनाने का विचार विश्वामित्र और मेनका की कहानी पढ़ने के बाद आया। उन्होंने बताया कि 'पिया अलबेला' का विश्वामित्र और मेनका से कुछ लेना-देना नहीं है, यह आज की कहानी है। यह विश्वामित्र और मेनका को श्रद्धांजलि है। इस कहानी को छोटे पर्दे पर ले कर आने के बारे में पूछे जाने पर बड़जात्या ने कहा कि टीवी उद्योग का कारोबार फिल्मों से भी बड़ा है और यह भारतीय समाज का अहम हिस्सा बन चुका है। टीवी शो 'पिया अलेबला' का प्रसारण छह मार्च से जीटीवी पर होगा। शो में नए कलाकारों को लेने के सवाल पर बड़जात्या ने बताया कि उन्हें मासूम चेहरे वाले और बिना किसी छवि में बंधे लड़के की तलाश थी, इसलिए उन्होंने नए चेहरे को लिया।