प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयानों को लेकर उन पर जोरदार हमला करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उन्हें 'दूसरों के बाथरूम में ताक-झांक करना' और दूसरों की जानकारियां इकट्ठी करना पसंद है, जबकि 'काम के मोर्चे पर वह विफल रहे हैं।' वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राहुल गांधी के साथ यहां समाजवादी पार्टी (सपा)-कांग्रेस गठबंधन का साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी करते हुए मोदी को गुस्सा या भावावेश में न आने का सुझाव दिया और कहा कि यदि मोदी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से यात्रा करें, तो वह खुद भी सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देंगे।यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राहुल ने कहा, "प्रधानमंत्री गूगल सर्चिग के शौकीन हैं, उन्हें दूसरे के घरों व बाथरूम में ताक-झांक पसंद है।
वह खाली वक्त में ये सब कर सकते हैं, पर प्रधानमंत्री के रूप में उनकी जो भी जिम्मेदारियां हैं, उसे पूरा करने में वह पूरी तरह विफल रहे हैं।"राहुल का बयान मोदी के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने एक रैली के दौरान यह कहते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष का मखौल उड़ाया था कि गूगल पर सबसे अधिक चुटकले उनके नाम पर हैं।इससे पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में मोदी ने संसद में कहा था कि वह 'रेनकोट पहनकर नहाने की कला बखूबी जानते हैं।' उनका इशारा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों और इसमें मनमोहन सिंह के बेदाग रहने को लेकर था।
राहुल ने प्रधानमंत्री को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा, "देश की सबसे बड़ी समस्या नौकरियों की कमी है। मोदी ने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन उसका एक प्रतिशत भी पूरा नहीं किया है।"पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 29 सितंबर को भारतीय सेना की ओर से आतंकवादियों के लांच पैड को निशाना बनाकर किए गए 'सर्जिकल स्ट्राइक' के संदर्भ में उन्होंने कहा, "मोदी सुरक्षा, आतंकवाद और सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बहुत बातें करते हैं, पर नतीजा यह है कि बीते कुछ दिनों में हमने पिछले सात वर्षो के मुकाबले कहीं अधिक जानें गंवाई हैं। सुरक्षा बलों के हमारे 90 से ज्यादा जवान शहीद हो गए।"मोदी को निशाना बनाते हुए अखिलेश ने कहा कि उन्होंने उस उत्तर प्रदेश को क्या दिया, जहां से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 70 सांसद चुने गए।
उन्होंने कहा, "यह चुनाव है, और मुझे नहीं लगता कि उन्हें गुस्सा या भावुक होना चाहिए। गुस्सा करने के बजाय उन्हें जमीनी हकीकत की बातें करनी चाहिए। जहां तक जन्मपत्री की बात है, तो किसी के बारे में भी एक बटन दबाकर ली जा सकती है।"अखिलेश ने कहा, "उत्तर प्रदेश के लोगों ने देश को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री (राजनाथ सिंह) दिया। लोकसभा के 70 सांसद हमारे राज्य से हैं। लेकिन इन सबके बदले में राज्य को क्या मिला? वह आज में मोदी द्वारा वादा किए गए अच्छे दिनों की बाट जोह रहे हैं।"उन्होंने कहा, "यदि मोदी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से यात्रा करें तो वह खुद भी सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देंगे।"
दोनों नेताओं ने सीटों के बंटवारे को कोई महत्व देने से इनकार कर दिया।राहुल गांधी ने कहा, "99 फीसदी सीटों पर कोई समस्या नहीं है। 5-6 सीटों पर कुछ समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन वह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सपा व कांग्रेस की पूरी ताकत उत्तर प्रदेश में बदलाव लाने में लगी हुई है।"अखिलेश के सुर में सुर मिलाते हुए राहुल ने कहा, "यह दो युवाओं का गठबंधन और साझा दृष्टिकोण की साझेदारी है।"दोनों नेताओं ने दावा किया कि मोदी का अपने स्वभाव तथा वाणी पर नियंत्रण खो गया है, क्योंकि वे दो युवा नेताओं के साथ आने से विचलित हो गए हैं और खबरें हैं कि गठबंधन सत्ता में आ सकती हैं।कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी कहा, "प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर आशंकित हैं। चुनाव परिणामों से उन्हें तगड़ा झटका लगेगा, यह उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करेगा। यही वजह है कि वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।"